Kash Mai bhi apne Desh ki jagah videsh me hota, to Mai bhi ab Tak apne Ghar pahuch gaya hota. Lekin kahte hai ki Ghar ki murgi daal barabar
ओर यंहा रोड पर चलते मजदूर सड़क पर ओर रेलवे ट्रैक पर जान गवां रहे
अमीरो को बांटना और गरीबो को डांटना यही है सरकार का असली चेहरा
Aur majdoor nahi dikh raha kya aapko
Dear sir other country me hai unke liye बंदे मातरम मिशन humm log banglur me hai majdur unke liye koi mission nahi sir Aaj_tak Bihar samastipur ye India paise bale ke liye hi बंदे मातरम मिशन hai garib ke liye koi mission nahi jay hind🙏🙏
विदेश में रह रहे अमीर लोगो को ही देखना । अगर उसको अगर पैंट में हगना(पॉटी) भी हो गया तो दिखाते रहोगे । ओर भारत के गरीब मजदूर अगर मर जाएंगे ना तब दिखाओगे या नहीं भी । गरीबी
बहुत अच्छा होता अगर आप बता पाते कि कितने आंखों में खुसी के आंसू लाये और कितने आंखों में गम लिए इस खुसी के आंसू का इन्तेजार कर रहे है । सिर्फ गल्फ में 5 लाख लोगों ने आवेदन दिया है रोजाना 500 ला रहे अब समझ लो कितना दिन लगेगा। चाटुकार पूरी सूचना देने से कतराते ह
एक ओर विदेश से हवाई जहाज से इंडिया आऐ ये लोग जिन्हें देश कि शिक्षा, रोजगार पर भरोसा नहीं था और दूसरी ओर भारत का गरीब जो देश निर्माण में अग्रणी है पैदल भूखा असहाय। निर्दयी सरकार
केजरीवाल का एक विधायक चार दिन के पुलिस रिमांड पर....!! चैनलों में चुप्पी पसरी हुई है। इसे कहते हैं मीडिया मैनेजमेंट।।😠😠
काश यही मुस्कान ले कर देश के मजदूर उनके राज्य में पोहचते
JIS PRAKAR EK PITA SAM KO KUCH PAISE KAMA KE LATA HAI TO USKO AUR USKE PARIVAR KO JIS PARKAR KHUSI HOTI HAI USI TARH JO VIDESH SE APNE DESH AYE HAI !!!!
अमीरो को बांटना और गरीबो को डांटना यही है सरकार का असली चेहरा
अमीरो को बांटना और गरीबो को डांटना यही है सरकार का असली चेहरा
काश तुम गरीबो की आवाज उठाते तो लोग सडको पर भुख प्यास नही मर रहै होते
SARAE JAHAN SAE ACHA HINDUSTAN HAMARA
To hum kya kare.... Humare bharat mein rehte hai... Hum unhe hi support karenge...
Majdooron ko bhi Ghar Pahuncha do , Vo b Khush ho jayenge
अपने देश वापस लवटे हुए लोगों को कोरंटाईन इन्स्टिट्युट मे रखे. जिसे की कोरोना का फैलाव रोक सके...घर जाणे की मूर्खता ना करे
अमीरो का , अमीरो के लिए , अमीरो द्वारा शासित शासन व्यवस्था ।
जिनके बच्चे बोलते थे कभी आई हेट इंडिया ,आज उन्ही बच्चों को इंडिया की याद आ गयी। ये भी एक देश गद्दारी ही है
Aankho me aansu to majduro me v he pao me chale v he unka dukh nhi dikh rha kya
अब तक तो गोदी मीडिया के दलाल चैनलों को प्रवासी मजदूरों के दर्द और मौत के आंसू नहीं दिखे।मगर पैसे वाले रईसों के खुशी के आंसू जरूर दिख गए।
Any such reporting on migrant labourers
aur Majdoor
आखो मे आसू लिये ,भूखे पेट नंगे पाव पावे मे छाले लिये आज भी गरीब - मजदूर महिना भर से ज्यादा हो गये अपने घर पर पहुचने के लिये मीलो दुरी तय करते हुऐ पैदल ही चल ही रहे हे...! अभी वो लोग महिना भर होने आया हे अपने घर नही पहुचे! आज तक या कोई अन्य गोदी मिडीया ने कभी ये खबर नही बतायी !
जब सारे दरवाजे बंद हो जाते हैं तब सिर्फ 'घर' का दरवाजा खुला मिलता है😎 पर ये बात गिलमे पैजामाखोरों को कौन समझाए जो अपने 'घर' की संपत्ति फूंक रहे हैं अपने रक्षकों पर पत्थर मार रहे या तो ये शैतान हैं या फिर ये भारत को अपना घर नही मानते। दोनो हालत मे इन्हे बेहिचक कुचला जाना चाहिए😎
मजदूरो का दर्द भी खुशी देता है
जो रेल की पटरी पर चल रहे है उनको भी घर तक पहुंचा दो फिर देखना उनकी दुआ में कितनी ताकत होती है.....
ये वही लोग है जो विदेशो से अपने रिश्तेदारो को फ़ोन पे कहेते है के इंडिया में क्या रखा है हम इधर बहोत खुश है लेकिन अफसोस सरकार के पास इनके लिए व्यवस्था है लेकिन गरीब मजदूर के लिए नही
Kya inse kiraya liya gaya, sach bataiye
ये चॅनेल तो इतना चुतीया है, इसको ५००० कि.मी से आनेवाले तो दिखते है जो कोरोना के बाद फिरसे वापस चले जाएंगे पर वो नही दिखते जो खुद भारत में रेहकार घर नही पोहोच पा रहे है...✊ banaajtak
different people different tears
रेल 🚄से कट कर मरे हुए मजदूरों का दोष इतना की वो भारत के लिए काम कर रहे थे विदेशी तो पार्टी फंड देते हैं
kaash majduro kay आंसू, bhi dikh jaate sarkar ko..bechare roj tadap rhe hai..mar rhe hai..par kaun sunega unki.wo vote bank nhe hai...wo tweet karke dhanyawad bhi nhe da sakte... modi n iss sarkar ka bhut bada supporter tha..par ab shayad nhe hun..
कभीतो जो मजदुर पैदल चलकर गाॅव जारहे है उनके छाले भी दिखवादो साहब
Check out Yogi4up (Yogi4up3):
इनके आंसुओं का क्या?
Pls ask govt to help Poor's as well to reach their respective Home Town. Many are dying to non availability of food and walking hundreds of miles
Lucky girl. Hm to apne desh me hai aur ghar nhi ja pa rahe h
अफसोस की बात है खुशी के आशु दिख रहे है पर मजदूरों के दुख़ के आशु सरकार को नहीं दिख रहे है
And migrant workers are loosing their lives and livelihood both
Kabhi gareeb majduro ka haal b bata diya karo..
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