चीन ने अमेरिका को उसकाने के लिए प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर में अपने युद्धपोतों को भेजने का ऐलान किया है। चीन ने यहां तक दावा किया है कि उसके युद्धपोत इस बार स्वतंत्र नेविगेशन के कानूनों के तहत अमेरिका के तटों के बेहद नजदीक तक जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका भी जवाबी कार्रवाई के लिए अपने युद्धपोतों और पनडुब्बियों को आक्रामक तैनाती कर सकता है। अमेरिका और बाकी यूरोपीय देश ऐसी किसी भी हरकत को युद्ध की कार्रवाई के तौर पर देख सकते हैं। पेइचिंग ने इसे अमेरिका की बदमाशी तक करार दिया...
South China Sea Tension: साउथ चाइना सी में चौतरफा घिरा चीन, अब अमेरिका के साथ युद्धाभ्यास करने जा रहा फिलीपींसवर्तमान में चीनी नौसेना में जितने युद्धपोत और पनडुब्बियां शामिल हैं, उतनी तो अमेरिका के पास भी नहीं है। यह बात अलग है कि चीनी नौसेना के पास इतनी बड़ी संख्या में हथियारों के होने के बावजूद उनकी फायर पॉवर और युद्धक क्षमता दुनिया के कई देशों से काफी कम है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कई बार अपने भाषणों में यह दावा कर चुके हैं कि उनकी सेना का उद्देश्य किसी देश पर हमला करना नहीं...
China Taiwan News: ताइवान को घातक M109 होवित्जर तोप बेचने जा रहा अमेरिका, अब चीन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाबचीन इस समय काफी तेजी से अपनी नौसेना के लिए युद्धपोत और पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है। चीन की 62 में से सात पनडुब्बियां परमाणु शक्ति से चलती हैं। ऐसे में पारंपरिक ईंधन के रूप में भी उसे अब ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ रहा है। चीन पहले से ही जहाज निर्माण की कला में पारंगत था। साल 2015 में चीनी नौसेना ने अपनी ताकत को अमेरिकी नौसेना के बराबर करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया था। पीएलए को...
जिनपिंग ने 2015 में शिपयार्ड और प्रौद्योगिकी में निवेश का आदेश दिया था। उन्होंने तब कहा था कि हमें एक शक्तिशाली नौसेना के निर्माण की जरुरत जो आज महसूस हो रही है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ था। जाहिर है कि सुप्रीम कमांडर का आदेश पाने के बाद से ही चीनी नौसेना ने पिछले 5-6 साल में अपनी ताकत को कई गुना बढ़ा लिया है। ऐसे में यह न केवल अमेरिका के लिए खतरे की बात है, बल्कि इस क्षेत्र में शांति और कानून का पालन करने वाले देशों की चिंताएं बढ़ाने वाला मुद्दा भी है।यूएस ऑफिस ऑफ नेवल इंटेलिजेंस के अनुसार, 2015...
केवल वैदिक शक्ति उपासक ईश्वर तक शस्त्र धारी हमारे! विश्व विजेता!! इस गुण जैन पहचाने कि बाकि सब सपना देखने वाले! तो लाऐ आर्थिक हानि से मार, जीत पाना! तभी मुस्लिम आ पाऐ या वैदिक धर्म बदल पाऐ को बाध्य हुऐ! आप जान देना लेना चाहो नही तो चीन बनेगा सचिन 2नोगुण से तल्लीन!
क्योंकि चीन जान गया है जो बाइडन का अमेरिका जब 70-80 हजार का लड़ाकाओं का सामना नहीं कर सका उसके पास तो 20करोड़ से अधिक की फौज है।
मुसलमान और चीन विश्व की बरबादी का कारण बनेंगे।
.ZINPING IS EXPERT OF PARTIAL WARS FIRST PRESSURISE BY CREATING WAR LIKE SITUATION TEST OPPOSITION'S STRENGTH AND TECHNOLOGY THEN COMPROMISE KEEPING CHINA IN PROFITABLE POSITION narendramodi AmitShah RSSorg
ओबामा के जुनियर हैं बाईडेन भारत के तीनओर चीन राज लाऐ! तभीसे मैकही जो चीन को मिला वो समझ नहीपाना कोई मुझे लगता याद नही,किसी महाशक्ती की झोली ऐसै भरी हो कल अमरिका नहीं! कई देसन को सामूहिक उधेड़ सकते!! वहाँ की वहाँ नहीं! यहाँ की यहाँ से बस दूसरे घर ली ताळी ही तो लेनी है, तालिबानुं!
अफरा तफरी में अफगानिस्तान छोड़ने से USA की कमज़ोरी उजागर हुई है। चीन समझ रहा है कि अमेरिका को सबक सिखाने का यह सही अवसर है।
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