UP Anti CAA Protest। Anti CAA Protest Victim Family Speaks To Dainik Bhaskar About Her Condition, Here Is Latest News UpdatesUP में CAA हिंसा पीड़ित 5 परिवारों की कहानी:6 घंटे पहले19 दिसंबर 2019 को लखनऊ से भड़की हिंसा की आग UP के 22 जिलों तक पहुंच गई थी19 दिसंबर, 2019...
हिंसा के बाद जो असर हुआ, वह भी लोगों के जेहन में ताजा है। UP में कई हफ्ते तक जुमे की नमाज संगीनों के साए में पढ़ी गई। अब सब कुछ शांत है, लेकिन मारे गए युवकों के परिजन के दिलों में लगी आग ठंडी नहीं हो पा रही है। जिंदगी ठहरती नहीं, इसलिए लोग आगे बढ़ चले हैं। लेकिन, इंसाफ की आस लगाए पीड़ितों से उनकी मंजिल काफी दूर है। दर्द ऐसा है कि कोई आज भी अपने बेटे की कब्र पर रोज जाता है तो किसी ने बेटे की कॉपी-किताबों को अभी भी जगह से नहीं हटाया है। इस हिंसा में कई परिवार उजड़ गए हैं। दैनिक भास्कर ने लखनऊ,...
बेटे को कब इंसाफ मिलेगा, इस सवाल पर वे कहते हैं कि हमारा मुकदमा अज्ञात में दर्ज किया गया था। एक वकील साहब हमारी मदद किया करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद से उनका फोन भी नहीं लग रहा है। अब कोर्ट कचहरी के चक्कर काटें या फिर घर का खर्च चलाने के लिए काम करें? शफीकुर्रहमान कहते हैं कि वकील की मां अब बिस्तर पर आ गयी हैं। चाह कर भी वह बेटे का गम नहीं भुला पाती हैं। इस दौरान जो पैसे हमें मिले, उससे हमने अपनी बेटी की शादी कर दी है। अब इंसाफ ऊपर वाले के हाथ में है।बिजनौर से करीब 10 किमी.
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