BARC की डिमांड- चुनाव नतीजों के बाद जारी हो रेटिंग, सरकार ने तत्काल जारी करने के दिए हैं निर्देशब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल टीवी रेटिंग जारी करने के लिए मार्च तक का समय चाहता है। BARC का मानना है कि चुनाव के नतीजों के बाद ही रेटिंग जारी हों। दरअसल, 12 जनवरी को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने BARC को चैनल्स की रेटिंग तत्काल जारी करने के निर्देश दिए हैं। उसे मंथली फॉर्मेट में पिछले तीन महीने का डेटा भी जारी करने के लिए कहा गया...
BARC टीवी दर्शकों की संख्या के आधार पर रेटिंग जारी करती है। BARC अपनी वेबसाइट पर ट्रांसपेरेंट, सटीक और टीवी ऑडियंस मेजरमेंट सिस्टम की रेटिंग डिक्लेयर करती है। हालांकि, BARC के कुछ कर्मचारियों द्वारा रेटिंग में हेरफेर के आरोपों के बाद इसे सस्पेंड कर दिया गया था। ब्रॉडकास्टर्स चाहते थे रेटिंग को फिर से शुरू करने से पहले हेरफेर जैसे गंभीर मामलों को सुलझाया जाए।इंडस्ट्री को BARC की रिपोर्ट का इंतजार है कि इसके ऑपरेशन में क्या गलत हुआ और पिछले मैनेजमेंट की तरफ से इसे कवर करने का प्रयास क्यों किया...
मंत्रालय ने ब्रॉडकास्टर्स को पिछले तीन महीने का डेटा मंथली फॉर्मेट में जारी करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही, टेलीविजन रेटिंग पॉइंट सर्विस से जुड़ी वर्किंग कमेटी बनाई है। इसकी अध्यक्षता प्रसार भारती के CEO शशि शेखर वेमपति करेंगे।मोटे तौर पर इसके 5 स्टेकहोल्डर्स हैं। इसमें न्यूज ब्रॉडकास्टर्स, नॉन-न्यूज ब्रॉडकास्टर्स, एडवर्टाइजर, व्यूअर्स और पांचवां सरकार है। हालांकि, इतनी जल्दी फिर से रेटिंग फिर शुरू करने पर ब्रॉडकास्टर्स के बीच सहमति नहीं बन...
BARC को रेटिंग फिर से शुरू करने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन ब्रॉडकास्टर्स को पता है कि उन्हें आंका जा रहा है। इसलिए आंखों के सामने इनके बीच कड़ा कॉम्पटिशन होने की संभावना है। न्यूज चैनल्स के कंटेंट की क्वालिटी पिछले साल की तुलना में मोटे तौर पर अपरिवर्तित रही और स्थापित प्रोग्रामिंग फॉर्मूला पर जारी थी। कंटेंट में तीखापन कम हो गया था, क्योंकि रेटिंग अब उद्देश्य नहीं था। विज्ञापन के रेट पिछले प्रदर्शन और ब्रांड की ताकत के आधार पर सुरक्षित थे।डिजिटल चैनल्स और न्यूज चैनल्स के लिए पॉलिटिकल...
TRP का पता लगाने के लिए कुछ जगहों पर पीपल्स मीटर लगाए जाते हैं। इस मीटर पर स्पेशल फ्रीक्वेंसी के जरिए पता लगाते हैं कि उस टीवी सेट पर कौन सा चैनल, प्रोग्राम या शो कितनी बार और कितने देर तक देखा जा रहा है। अलग-अलग पीपल्स मीटर के सैंपल के जरिए सभी दर्शकों की पसंद का अनुमान लगाया जाता है। कुल मिलाकर देश के करोड़ों दर्शकों की पसंद कुछ हजार लोगों के अनुमानित आंकड़े से लगाया जाता है।
barc has not even said a single word about releasing the ratings not, its the nbda , stop your propoganda dainik dhaskar 🤡 trp barc rating election newschannels
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