Trailer : 'गली बॉय' में दिखा रणवीर सिंह का 'मुंबइया अंदाज', ट्रोलर्स के लिए है करारा जवाब

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GullyBoyTrailer में दिखा RanveerOfficial का 'मुंबइया अंदाज', ट्रोलर्स के लिए है करारा जवाब

 

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Shocking Video: शेर ने गांव में घुसकर घर बाहर किया अटैक, मुंह में दबाकर साथ ले गया शिकार बनाया अपना निवालावीडियो डेस्क। आपने गांव में घुसकर शेर के शिकार के किस्से तो खूब सुने होंगे लेकिन आज हम आपको दिखा रहे हैं शेर का लाइव शिकार। गुजरात का गिर जंगल के राजा शेर के लिए जाना जाता है। यहां का एक गांव इन दिनों शेर की आहट से दहशत में है। दरअसल जालंधर गांव में घुसकर मंगलवार रात को शेर ने बछड़े का शिकार कर लिया। वीडियो में साफ दिखाई दिखाई दे रहा है कि एक घर के दरवाजे के सामने बछड़ा बैठा हुआ है। तभी शेर आता है और शिकार कर उसे उठाकर ले जाता है। ये पूरी घटना सामने मौजूद गांव के सरपंच के घर के सीसीटीव में कैद हो गई।
स्रोत: Dainik Bhaskar - 🏆 19. / 51 और पढो »

Live Accident: हईवे पर ओवरटेक करना हो सकता है जानलेवा, एक चूक ने कार और ट्रॉले को पानी में डुबो दियावीडियो डेस्क। ओवर टेक करना कई बार कितना घातक हो सकता है ये इस वीडियो में देखा जा सकता है। रोमानिया का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक कार ट्रॉले को ओवर टेक करती है। जैसे ही कार ट्रॉले के बाजू में आती है, अचानक बहक जाती है। कार का बोनट ट्रॉले के पीछले टायर से जैसे ही टकराता है ट्रॉला भी बहक जाता है। ट्राला कार को टक्कर मारता हुआ बाजू में रोड से सटे पानी में चला जाता है। 3 सेकंड के अंदर कार और ट्राला दोनों पानी में डूब जाते हैं। पूरा एक्सीडेंट पीछे आ रही कार में लगे कैमरे में कैद हो जाता है। Video knha hai
स्रोत: Dainik Bhaskar - 🏆 19. / 51 और पढो »

प्रियंका गांधी के महासचिव बनते ही PM मोदी का रिएक्शन- कुछ लोगों के लिए परिवार ही पार्टीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी पार्टी में कोई भी निर्णय इस बात के नही होता कि एक व्यक्ति या एक परिवार क्या चाहता है.  जबकि देश में ज्यादातर केस में कहा जाता है कि परिवार ही पार्टी है. sabse jaada hadkamp to news xhannel mai mach gaya godi media dalle kahi k Modi ji ke leye sitaraman to rahul Gandhi apni bhehan ke piche defend kar rahe hai. Rahul ji papu nahi janta. फटी फटी फटगई
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

नागरिकता विधेयक: क्यों बरपा है पूर्वोत्तर में हंगामानया विधेयक नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया है। यह विधेयक कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदाय को 12 साल के बजाय छह साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा। भाजपा ने 2014 के चुनाव में इसका वादा किया था। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा समेत कुछ अन्य पार्टियां लगातार इस विधेयक का विरोध कर रही हैं। उनका दावा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है, क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। विपक्षी पाटिर्यों के कुछ सदस्यों ने रिपोर्ट में असहमति जताई है। भाजपा की सहयोगी, शिवसेना और जद (एकी) भी इसके विरोध में हैं।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

किन्हें मिलेगा गरीब सवर्णों के आरक्षण का लाभ और क्या हैं शर्तें, 5 अहम बातेंसामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के कैबिनेट के फैसले का भाजपा सहित सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आ) तथा लोजपा ने स्वागत करते हुए इसे सामाजिक न्याय के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताया और कहा कि इस फैसले ने सामाजिक न्याय का नया पन्ना खोला है और इससे समाज में सद्भाव बढ़ेगा. आरपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण दिए जाने के निर्णय का स्वागत हुए कहा कि प्रधानमंत्री.नरेंद्र मोदी जी का यह क्रांतिकारी कदम है और इससे समाज में आपसी सद्भाव बढेगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह मांग वह पिछले 20 वर्षो से कर रहे थे और एनडीए की कई बैठकों में प्रधानमंत्री के समक्ष इस विषय को लगातार उठया था. अठावले ने संवाददाताओं से कहा कि सवर्ण समाज में भी आर्थिक रूप से बहुत लोग पिछड़े हुए है और वह समाज की मुख्यधारा से वंचित है लेकिन केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद उनको राहत पहुंचेगी. उन्होंने यह भी कहा कि देश के विभिन्न प्रदेशों में अलग -अलग वर्गों के लोगों द्वारा आरक्षण दिए जाने को लेकर चल रहे आंदोलन में भी अब रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री.नरेंद्र मोदी पर पूरा विश्वास है और भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में संसद को अधिकार है कि विधेयक लाकर कानून को संशोधित कर नया कानून बना सकती है. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मोदी सरकार ने निर्धन सवर्णों को भी नौकरी, शिक्षा में 10% आरक्षण देने का फैसला किया है. लोकजनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने भी इस फैसले का स्वागत किया है.
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »

जानिए दुनिया के टॉप 4000 साइंटिस्‍ट की लिस्‍ट में भारत से कौन-कौन-Navbharat Timesग्‍लोबल ऑर्गनाइज़ेशन clarivate analytics ने दुनिया के सबसे काबिल 4000 वैज्ञानिकों की लिस्‍ट जारी की है। इस लिस्‍ट में भारत के भी 10 वैज्ञानिकों ने अपना स्‍थान बनाया है। पिछले साल इस सूची में भारत के महज 5 वैज्ञानिक ही अपना नाम दर्ज करवा सके थे। इस साल यह संख्‍या डबल होकर 10 हो गई है। हालांकि इस मामले में भारत का चिर प्रतिद्वंद्वी पड़ोसी देश चीन काफी आगे निकल गया है। चीन ने 482 वैज्ञानिकों के साथ अमेरिका और ब्रिटेन के बाद तीसरा स्‍थान प्राप्‍त किया है। अमेरिका के सर्वाधिक 2639 वैज्ञानिक और ब्रिटेन के 546 वैज्ञानिक इस सूची में शामिल किए गए हैं। आइए जानते हैं भारत की ओर से कौन हैं वे 10 वैज्ञानिक, जिनको इस सूची में जगह दी गई है...
स्रोत: NBT Hindi News - 🏆 20. / 51 और पढो »

उत्तर प्रदेश: दोबारा ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने साथ आई सपा-बसपाउत्तर प्रदेश में सपा-बसपा, कांग्रेस से गठबंधन नहीं चाहते, या कांग्रेस अकेले लड़ना चाहती है, इस पर बहस जारी है। लखनऊ में सपा-बसपा की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, तस्वीरों में एक साथ मौजूद आंबेडकर और लोहिया की तस्वीर के बाद दिल्ली दरबार का पूरा विमर्श बदल गया। उत्तर प्रदेश वह प्रयोगशाला है, जहां कांशीराम और मुलायम की लहर में भी गोरखपुर की सीट भाजपा के पास थी। इसके उलट जब बसपा को शून्य पर टिका और सपा को पारिवारिक सदस्यों के बीच सिमटा दिया गया था तब गोरखपुर अलग ही राजनीतिक मोड़ लेता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था आज उससे उबरने के लिए सपा और बसपा साथ हैं। इस सूबे की राजनीति, केंद्र की भी राजनीति है। लोहिया-आंबेडकर की तस्वीरों को साथ रख इस समीकरण का उद्देश्य है अपने-अपने वोट बैंक को साध ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना। केंद्र की राजनीति में सपा-बसपा के अंक मजबूत हों, इसलिए जरूरी है कि कांग्रेस का गणित बिगड़ जाए। संसद में आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण पर साथ-साथ चलने के बाद ये दोनों दल अपने-अपने वोट बैंक के पास उसी ‘पहचान’ के साथ लौट आए हैं जो इनकी बुनियाद हैं। बुनियादी विरोधाभासों के साथ वोट बैंक की ऊंची इमारत पर बैठे दोनों दलों की साझीदारी से निकले पाठ पर इस बार का बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

प्रियंका में इंदिरा की छवि तो पति पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की परछाई भी2014 में हुआ लोकसभा चुनाव छवि बोध की जंग भी था। छवि की ब्रांडिंग में जो आगे होगा, मैदान वही मारेगा। सपा-बसपा गठबंधन के बाद उत्तर प्रदेश के मैदान में कांग्रेस को मूर्छित ही माना जा रहा था, लेकिन ब्रांडिंग वाला बाजार इसी क्लाइमेक्स वाले समय को अहम मानता है। तुरुप का पत्ता भी इसी ब्रांडिंग का हिस्सा है। भारतीय राजनीति में इंदिरा गांधी को एक ब्रांड बना दिया गया है। 2019 के करो या मरो वाले हालात में इंदिरा जैसी छवि को औपचारिक तौर से उतारने का वक्त आ गया था। आज जब कांग्रेस की ओर से डंका बजा कर प्रियंका को उतारा गया है तो वे गांधी के साथ वाड्रा के भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरेवाले कुलनाम को भी ढो रही हैं। 2019 के बाजार में हर दल की चाल को मास्टर स्ट्रोक ही बताया जा रहा है तो आमद का जयकारा थमने के बाद उन्हें बताना ही होगा कि उनकी ओर से जनता के लिए नया क्या है। कभी-कभी तुरुप का पत्ता जोकर से भी मात खा जाता है, खेल के इस विडंबना की याद दिलाता बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

जाती सर्दी में बागबानीसर्दी में फूलों की सजावट घर की खूबसूरती को चार चांद लगा देती है। इस मौसम में प्राय: सभी फूलदार पौधों वाले दो-चार गमले खरीद कर अपनी बालकनी में रखना पसंद करते हैं। जिन लोगों के पास जगह अधिक है, वे अधिक फूल उगाते या गमलों में लगाते हैं। इस मौसम में फूलों की विविधता भी खूब होती है। मगर सर्दी के इस मौसम में पौधों की देखभाल ठीक से न हो, तो फूल जल्दी सूखने और अपना सौंदर्य खोने लगते हैं। इसी तरह गरमी के लिए भी इसी मौसम में तैयारी करनी होती है। इस मौसम में बागवानी के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और अगले मौसम के लिए कैसी तैयारी की जरूरत है, बता रहे हैं रवि डे।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

रॉबर्ट वाड्रा के प्रतिनिधि के रूप में हुई है प्रियंका की राजनीति में एंट्रीः सुशील मोदीबीजेपी नेता प्रियंका गांधी के राजनीतिक एंट्री पर बयान दे रहे हैं. बिहार में भी इस पर सियासत तेज हो गई है. मैं कांग्रेस पार्टी का समर्थक नहीं हूं पर एक मातृशक्ति पर भाजपा के उल जलूल बयान सुनकर आहत हूं। मुझे लग रहा है इस 2019 लोकसभा में देश के मातृशक्ति भाजपा को सबक सिखाएगी। दोयम दर्जे का बयान भाजपा के लिए घातक साबित हो सकता है। Jansatta Correct पता है :: -- भाजपा नेता कयों चौंक गये हैं !
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