20 सितंबर को SC/ST एक्ट के प्रावधानों को हल्का करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था. केंद्र सरकार व अन्य ने 20 मार्च 2018 के आदेश पर फिर से विचार करने की मांग वाली पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट के प्रावधानों को हल्का कर दिया था. हालांकि, बाद में संसद में संशोधित कानून पास कर इन प्रावधानों को वापस लागू कर दिया था.
वैसे इस फैसले के बाद कानून में संशोधन कर कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी कर दिया गया था और तुरंत गिरफ्तारी व अग्रिम जमानत ना मिलने प्रावधान लागू कर दिए गए थे.टिप्पणियांसुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने फैसले में एससी एसटी कानून के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए दिशा निर्देश जारी किये थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एससी एसटी अत्याचार निरोधक कानून में शिकायत मिलने के बाद तुरंत मामला दर्ज नहीं होगा. डीएसपी पहले शिकायत की प्रारंभिक जांच करके पता लगाएगा कि मामला झूठा या दुर्भावना से प्रेरित तो नहीं है.
Not fair..
🤔🙄😥😭
हमें तो देश ही छोड़ देना चाहिए
सर आप राजस्थान में निः शुल्क दवा योजना में लगे कंप्यूटर ऑपरेटर जो 6 साल से इस योजना में काम कर रह ह ।plz आप इसको भी सरकार के सामने लाये ताकि हम जैसे हजारों परिवारों का भला हो सके।
सविधान की जय
बेहूदा निर्णय
Good
आजकल उत्तर प्रदेश में FIR दर्ज होते ही नहीं है। अगर ये ACT आ भी गया तो कोई दिक्कत नहीं उत्तर प्रदेश के लोगों को। अत्याचार और रेप जारी रहेगी- ravishndtv kanhaiyakumar PMOIndia priyankagandhi Mayawati RahulGandhi
एक कदम आगे दो कदम पीछे
Better way finish created caste system. No leaders can use of caste word n no one feels injustice. No question will arise in our mind. No one discriminate each other. It Is way to develop country without caste system. No Supreme Court thinks about sc/st act.
ये भी शुरू की कांग्रेस की देन है जो अब बदल नही सकता। समाज को विभाजित करके रख दिया। ये तो न्याय की मूल भावना के खिलाफ है। बिना जांच के जेल , SC के जज पर कोई FIR लिखवा देगा तब क्या ये यही कहेंगे कि पहले जेल फिर जांच।
सभी सवर्ण भाजपाई समर्थक को मुबारकबाद ।आपकी मेहनत रंग लाई।
Amitaar21 नारंगी खटमलों के घर आज खाना नहीं पकेगा
SCSTAct
लगता है २-३ राज्यों में चुनाव आ गये हैं।
इसका हमेशा से ही गलत प्रयोग होता रहा है, फिर भी ,पहले सिद्ध होना चाहिये उसके बाद सजा
देश संविधान से चलता है। जो सही था वही आज सिद्ध हुआ।।
Good
जैसे अंग्रेजों के समय रौलेट एक्ट था ठीक वैसे ही ये sc/st एक्ट है ये है हमारा संविधान जो सबको अपना पक्ष रखने का हक न दे कर एक जाति विशेष के लिए बन के रह गया है और लोग बोलते है जाति पाति से निकलने को ।
बहुत ज्यादा दबाव है समझ सकते
यानी किसी ने झुटा केस भी दर्ज करवा दिया तो सामने वाले की इज्ज़त की धज्जियां तो उड़ गई फिर भले जांच में निर्दोष साबित हो 😏
और यदि कोई झूठा इल्जाम लगाता है फंसाने की धमकी देकर के लिए ब्लैकमेल करता है उस पर कौन सा एक्ट लगेगा जब यह एक्ट बना था तब यह लोग बहुत सीधे-साधे थे आज जो चतुर चालाक है वह इसका फायदा उठा रहे हैं ऐसी नाइंसाफी कैसे कर सकता है सुप्रीम कोर्ट और सरकार हम इसका विरोध करते हैं माय फुट
Congratulations
12 +4
Waah! SC/ST walo ke to balle balle hai.
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