वेब सीरीज ‘स्पेशल ऑप्स 1.5’ को देखकर एक बात तो समझ आती है और वह ये कि निर्देशक नीरज पांडे उस शख्स पर जरूरत से ज्यादा फिदा हैं जिस पर हिम्मत सिंह का ये किरदार आधारित है। भारतीय राजनीति, इसकी खुफिया एजेंसियों और उनके कार्यकलापों पर नजर रखने वाले इस पूरी सीरीज के कालखंड के हिसाब से उन घटनाओं का अनुमान आसानी से लगा सकते हैं जिन पर ये कहानी आगे बढ़ रही है। विपक्षी दल की महिला मुखिया। उसके बेटे की विदेश के समुद्रतटों पर महिला मित्रों के साथ मस्ती। तड़का अच्छा लगाया है वेब सीरीज ‘स्पेशल ऑप्स 1.
5’ का टेकऑफ हिचकोले खाते हुए होता है। खाते-बही की पड़ताल अब भी चल रही है और दो लोग बैठकर हिम्मत सिंह का रिटायरमेंट प्लान बना रहे हैं। देश के किसी सरकार दफ्तर में इस तरह की प्लानिंग भी होती है, खोज का विषय है। ख़ैर, कहानी है तो कुछ भी हो सकता है। चड्डा और बनर्जी की उत्सुकता इस बार खर्चों की तफ्तीश में नहीं हिम्मत सिंह की हिम्मत में ज्यादा है। और, कहानी इस बार है सीआईए और रॉ से छिटके ऐसे लोगों की जिन्होंने खुफिया सूचनाओँ का कारोबार फैला रखा है। ये खुफिया सूचनाएं निकालने के लिए कुछ हसीनाएं काम कर...
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