प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर है तो बेहतर है कि Signal को डाउनलोड करने से पहले उसकी प्राइवेसी पॉलिसी को ध्यान से समझा जाए। आइए समझते हैं आसान भाषा में....
एपल के एप स्टोर पर Signal एप के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक एप यूजर्स से मोबाइल नंबर के अलावा कोई भी जानकारी नहीं लेता है और इस मोबाइल नंबर से वह आपकी पहचान को उजागर नहीं करने का दावा करता है। सिग्नल की प्राइवेसी पॉलिसी में यह भी शामिल है कि यदि आप सिग्नल एप पर किसी अन्य वेबसाइट की सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो वहां सिग्नल की नहीं, बल्कि उस वेबसाइट की शर्तें लागू होंगी। सिग्नल को इस्तेमाल करने की न्यूनतम उम्र 13 साल है। यह एप आपके फोन की कॉन्टेक्ट लिस्ट को देखता है ताकि आपको बताया जा सके कि...
सिग्नल एप का दावा है कि आपकी चैटिंग का एक भी हिस्सा अपने सर्वर पर स्टोर नहीं करती है। आपकी चैटिंग हिस्ट्री आपके फोन में ही रहती है और यदि आपका फोन खो जाता है या खराब हो जाता है तो आपकी चैटिंग हिस्ट्री भी खत्म हो जाएगी। सिग्नल एप में बैकअप की कोई सुविधा नहीं है। कंपनी के दावे के मुताबिक कॉलिंग और मैसेजिंग पूरी तरह से एंड टू एंड एंक्रिप्टेड है। सीधे शब्दों में कहें तो जैसे आप व्हाट्सएप को दूसरे फोन में इंस्टॉल करने पर बैकअप ले लेते हैं, वैसा बैकअप आपको सिग्नल में नहीं मिलने वाला है। बता दें कि...
गूगल प्ले-स्टोर एप पर दी गई जानकारी के मुताबिक सिग्नल आपके मैसेज का एक्सेस लेता है जिसमें मैसेज पढ़ने से लेकर मैसेज भेजने और उसे एडिट करना भी शामिल हैं। इसके अलावा कॉलिंग, कैलेंडर, फोन के मॉडल, लोकेशन, फोटो-मीडिया फाइल, कैमरा, माइक्रोफोन, स्टोरेज, वाई-फाई और इंटरनेट कनेक्शन का भी एक्सेस सिग्नल एप लेता है। सिग्नल के साथ सबसे अच्छी बात यह है वह किसी अन्य कंपनी के साथ आपका डाटा शेयर नहीं करता है। इसका जिक्र कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी में कहीं भी नहीं है।को लोगों ने ग्रीन सिग्नल दे दिया है। Signal...
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