पटना में रहकर ग्रुप डी की नौकरी के लिए तैयारी कर रहे छात्र श्याम बालक सिंह कहते हैं, "महीने में 4500 रुपये के आसपास खर्च हो जाता है."
"आखिर हम लोग क्या करें. सरकार हमें बुद्धू न समझें. सरकार सही ऐक्शन लें और ग्रुप डी में दो परीक्षा कैंसिल कीजिए. आपतक खबर पहुंच चुकी है, इसलिए जितना जल्दी हो एक्शन लें." उन्होंने आगे कहा, "14 तारीख को रिज़ल्ट आया और 24 तारीख तक हमने डिजिटल प्रोटेस्ट किया. 1 करोड़ ट्वीट किए हमने. आपने सुना नहीं. पहले दिन जब हम सड़क पर आए राजेंद्र नगर टर्मिनल की पुण्य धरती से, उसमें किसी भी छात्र ने एक पत्थर तक नहीं चलाया."
Aabki baar bjp sat samumndar paar
Isme bhi ab politics hoga....andolan hoga....kaam Kum politics jyada...
Very good replies by the youngster...
कमल_खिलेगा_जोरों_से
Aisee halat ho gayee hai ki lakhon graduate students majboor ho kar chai ki dukan aur pakaude talne ke liye majbur hai
US, और पश्चिमी देशों से सीखना चाहिए, हमारे देश में अगर पढ़-लिख गए तो सरकारी या अन्य नौकरी ही करेंगे, धंधा करने वाले भी अच्छे-खासे पढ़े लिखे होते हैं ।
लेकिन चाहिये सिर्फ सरकारी नौकरी वहा काम ज्यादा रहता है
Dard chhalaka
प्रयागराज की लाठी कभी नहीं बुलाया जाएगा
ये ग्रेजुएट हैं , पकौड़े तलने में परेशानी नहीं है लेकिन जिस रेल को मोदी जी ने अडानी अंबानी को बेच दिया उस रेलवे की ग्रुप D मे नौकरी चाहिए.
अनपढ़ देश चलाएंगे पढे लिखे पकोड़े तले। नेता बनने के लिए कितना पढ़े लिखा होना चाहिए।
B Sc (गड़ित) की डिग्री के बाद भी यदि प्रतिशत ना आए (यह सत्य है ) सब्जेक्ट की स्पेलिंग ना आए ऐसे ग्रेजुएट ,टीचर ,यूनिवर्सिटी VC को क्या कहे नेता को मूर्ख चाहिए नेता मछली देगा लेकिन मछली मरने की कला नहीं जानने देगा इसलिए मुफ़्त लैप्टॉप इत्यादि
क्यों बेवकूफ बना रहे हैं ये लोग, जिनके पास सोशल मीडिया चलाने के लिए 1-1लाख के मोबाइल हैं वो कह रहे हैं की 100 rs की चप्पल नहीं हैं।
Graduate hona to jaise bohot bda nobel prize hai,gali me. Pthar utha ke fekoge to graduate pe hi girega
बीबीसी को तो मौका मिल गया भारत सरकार के खिलाफ कुछ छापने का और लिखने का बहुत सारे मुद्दे हैं भाई उस पर भी ध्यान दो
रेलवे तो बेच दिया था मोदी जी ने न ? फिर रेलवे की नौकरी के लिए सरकार से मांग क्यों ?और सरकारी नौकरी कैसे ? मतलब राहुल द्वारा फैलाई गई रेलवे बेचने की बात झूठी थी
आरक्षित जनप्रतिनिधियों जुबां पर लगा ताला तो खोलिए। पदोन्नति में आरक्षण पर समय रहते कुछ तो बोलिए।।
तो 135 करोड़ जनता के बीच ग्रेजुएट हो जाना नौकरी की गारंटी है क्या
Bjp bhagao desh bachao
सही मायने में जय जवान , जय किसान का नारा अब जाके आत्मसात हुआ है।
काम, काम होता है चाहे छोटा हो या बड़ा आप चाहें ग्रैजुएट हो या पोस्ट ग्रेजुएट।
Prafull_mbachai भी यही सोचते तो!
Bachelor पकौड़े तलो।
जो सरकार चुनाव के 5 महीने पहले होती हैं वो चुनाव के बाद अचानक से बदल क्यों जाती है
ग्रेजुएट तो हो, स्किल क्या है तुम्हारे पास?
स्व रोजगार हर कोई कर सकता है
Sir rrb ntpc 03/15 ki dhandhli ke baare me news do ,rrb ntpc 03/ 15 me 18000 vacency nikli mains exam hone ke baad 4000 post cut Kar di gayen documents verification ke baad waiting list khatm Kar Diya gaya , aaj Tak naukari nahi Karib karib 5000 student ke saath khilwar ho gaya,
लालू और मुलायम राज में जो गधे नकल करके पास हुए थे उन सबको सरकारी नौकरी ही चाहिए क्योंकि जो नकल करके पास हुए हैं उनको कहीं भी कोई नौकरी तो मिलनी नही है इसलिए सारे नकल पास नौकरी नौकरी चिल्ला रहे हैं
केंद्र तथा राज्य सरकारों को अपने सब प्रकार के कार्यों में पारदर्शिता लानी चाहिए. पारदर्शिता, पारदर्शिता और केवल पारदर्शिता.
IIM स्नातक खेती , होटल और अन्य व्यापार करके लाखो रुपया कमा रहे है और इसको सिर्फ सरकारी नौकरी चाहिए। क्या मानसिकता है लोगो की। बहुत ही घटिया।
Graduate है to कुछ काम करो देश की संपति को नष्ट ना करो.....
रेलवे को तो बेच दिया था मोदी जी ने ? फिर ये मोदी से क्यों मांग रहे है नौकरी 😜
Every other guy is graduate in india. So what? Private sector has jobs but you just don't want to work cuz you can't complete. Simple
तुम नौकरी लगने के बाद भी ऐसा ही करोगे क्योंकि तुम्हारे डीएनए में उत्पात मचाने वाले लक्षण है। तुम बेरोजगार और अंगूठाछाप ही सही हो रेल जाम कर के क्या हक मांगते हो दम है तो मेहनत करो मेहनत आंदोलन तो कामचोर लोगों का काम है।
तुमारे जैसे नकलची ग्रेजुएट किसी काम के नही सही से इमला तो लिख नही पाओगे
Chai wala PM or Graduat Pakoda tal raha he wah re India
छात्रः गण से निवेदन है कि धैर्य रखें मंदिर निर्माण प्रगति पर है नौकरी की चिंता न करें।
यह बकलोल अहंकार पाल रखा है कि यह ग्रेजुएट है।लालू पुत्र ननमैट्रिक और राबड़ी देबी अंगूठाछाप हैं।अडानी नन ग्रेजुएट है।सभी ग्रेजुएट को नौकरी देना किसी के लिये सम्भव नही है।जबतक ग्रेजुएट की गलतफहमी रहेगी,बगैर मिहनत न घर का और न घाट का होकर रहना पड़ेगा।
बात में दम हैं ✌️✌️✌️
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