‘2 दिन से भूखे हैं, एक भी पैसा नहीं,’ दिल्ली से पैदल बिहार जा रहे मजदूरों की दर्द भरी कहानी

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Migrant Workers Bihar Lockdown COVID19 Coronavirus covid19 30 से ज्यादा प्रवासी श्रमिक पूर्णिया के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं, क्योंकि वे स्पेशल ट्रेन से अनजान हैं। उन्हें पता नहीं है कि ये ट्रेनें प्रवासी मजदूरों को घर भेजने को चलाई जा रही हैं।

बिहार के इन प्रवासी मजदूरों के पास पैसे नहीं बचे हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से अपनी दुखभरी कहानी बयां कीं। बता दें कि सरकार ने विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाईं हैं। प्रवासी मजदूरों में से एक संजीत कुमार ने बताया, ‘मैं और अन्य जो लोग मेरे साथ यहां हैं, हम यहां कंस्ट्रक्शन काम से जुड़े थे। लॉकडाउन के कारण, हमारे पास काम नहीं बचा। हम यहां समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अब हमारे पास पैसे नहीं बचे हैं। हमारे पास खाना भी नहीं है। इसी कारण...

भेज दिया है। मेरे पास अब पैसे नहीं हैं। हम दो दिन से भूखे हैं। यहां कोई रोजगार नहीं है, हम पैदल घर जा रहे हैं। अगर यहीं भूख और प्यास से मरना है तो इससे अच्छा है कि घर जाते हुए भूख और प्यास से मरें। इसलिए हमने पैदल ही जाने का फैसला किया है। हमारे पास न तो मोबाइल है और न ही पैसा। हमें किसी ट्रेन के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’ बता दें कि दिल्ली से बिहार के पूर्णिया की दूरी करीब 1400 किलोमीटर है। COVID-19 महामारी के कारण देश में लॉकडाउन तीसरी बार बढ़ाया गया है। दूसरे लॉकडाउन की अवधि 3 मई खत्म...

 

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