‘लव मैरिज करोगी, मां-बाप की नहीं सुनोगी तो वेश्‍यावृत्ति में जाना पड़ सकता है’, बिहार के डीजपी की लड़कियों को चेतावनी

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डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि अभिभावकों को इस बात का पता करना चाहिए कि पढ़ाई के लिए घर से स्कूल के निकली उनकी बच्ची को कहीं कोई परेशान तो नहीं करता है। लड़की खुश है या नहीं, ये पता रखना चाहिए।

बेटी किनके साथ उठ-बैठ रही है, क्‍या कर रही है, इस बात की जानकारी अभिभावकों को होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन इस बात का ख्याल रखते ही हैं, लेकिन सबसे बड़ी जिम्मेदारी अभिभावकों की ही होती है।

बिहार के डीजीपी ने अभिभावकों को सचेत करते हुए कहा कि आजकल कम उम्र के लड़के अपराध में लिप्त होने लगे हैं। यह चिंता का विषय है, जो सलाह लड़कियों के लिए दी गई है, वही लड़कों के लिए भी है। समाज में हर तबके की भागीदारी जरूरी होती है। गुरुवार को समस्‍तीपुर में समाज सुधार अभियान के कार्यक्रम में पहुंचे डीजीपी ने कहा कि अपराध को रोकने में पुलिस तो अपना काम करती है। लेकिन माता-पिता की भी जिम्‍मेदारी कम नहीं है, अभिभावक ठीक प्रकार से ध्‍यान देंगे तो बच्‍चे हमेशा अच्‍छे रास्‍ते पर चलेंगे। समाज सुधार के कार्यक्रम में नशामुक्ति, शराबबंदी, दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसे विषय पर बात हुई।

 

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कितनी घटिया सोच है ये।

जब ऐसे ऐसे गणमान्य प्रशासन के उच्चाधिकारी होंगे तो बालिका गृह जैसे कांड कैसे रुकेंगे ये तो प्रत्यक्ष दुःशासन का कलयुगी अवतार लग रहे हैं

नमूने भरे पड़े है सिविल सेवा में

कहा गलत बोला 🤔🤔🤔

😠

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