चंडीगढ़: पंजाब में इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों का उपयोग करने वाले लगभग आधे किसान मशीनों के कुशल संचालन और कीट नियंत्रण के लिए धान के कुछ खुले डंठलों को जलाते हैं। यह जानकारी काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर की एक नई रिपोर्ट से सामने आई है। इस रिपोर्ट अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 58 प्रतिशत किसानों ने पराली प्रबंधन के लिए सुपर सीडर और रोटावेटर जैसी मशीनों का उपयोग किया। हालांकि, किसानों की सीआरएम मशीनों तक समय पर पहुंच, मशीनों के इस्तेमाल के लिए उचित प्रशिक्षण की कमी और मशीनों के...
38 लाख सीआरएम मशीनों का वितरण शामिल है। सीईईडब्ल्यू रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में कम अवधि वाली धान की किस्मों की मांग बढ़ रही है। इन किस्मों को सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जा रहा है, क्योंकि इनकी कटाई पहले की जा सकती है, जो पराली जलाने की जरूरत को घटाती है। सर्वेक्षण में शामिल लगभग 66 प्रतिशत किसानों ने 2022 में पीआर 126 और पीआर 121 जैसी कम अवधि की परमल चावल की किस्में लगाई थीं। किसान बोले- इन किस्मों की खेती को जारी रखेंगेअधिकांश किसानों ने कहा कि आने वाले सीजन में वे इन किस्मों की खेती को...
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