नई दिल्ली: Fuel Price Today in India : रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच कच्चा तेल बाजार की रिकॉर्ड तेजी से इतना तो साफ है कि आने वाले दिनों में भारत में इसका असर साफ दिखाई देगा. गुजरे हुए हफ्ते में Brent Crude Index पर कच्चे तेल की कीमत एक समय पिछले 7 साल के सबसे ऊंचे स्तर 119 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी. शुक्रवार को एक बैरल क्रूड ऑयल की कीमत 111 यूएस डॉलर से ऊपर चल रही थी.
यह भी पढ़ेंपिछले 2 महीनों में कच्चा तेल काफी महंगा हुआ है लेकिन इस दौरान भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई है. इसकी वजह से तेल कंपनियों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि कच्चा तेल महंगा होने से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 8 से 12 रुपये तक की बढ़ोतरी की जरूरत होगी. फिलहाल देख लेते हैं कि देश के कुछ प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम क्या चल रहे हैं.मुंबई: पेट्रोल – ₹109.98 प्रति लीटर; डीजल – ₹94.
Bhai oil cos kitne mai oil kharid rahi hai avi? Rs 60/ litre now. To bojh kaise utha rahi hai tel company?
और जब सस्ता था उस टाइम जनता बोझ उठा रही थी। सरकार की जिम्मेदारी बनती है की अभी तेल के खर्चे को पिछले 5-6 सालों की कमाई से कंपेन्सेट करे
542 MPs represent people but even then on topics like mengai, covid, unemployment, education, health, security, business, income etc, public is ALONE
रात दिन चुनाव प्रचार में कितने वाहन लगे थे, सभी डीज़ल पेट्रोल पी रहे थे, तब किसी तेल कंपनी को बोझ नहीं लगा। अब क्यों। अब इन सब के लिए जनता ही है क्या।
7 मार्च के बाद जनता को मंहगाई का 100% असर देखने को मिलेगा। मोदी_सरकार = लुटेरी_सरकार
Election ke bad modi je janta ke Gand pe pyaj katenge
Even Romeos will feel pinch Love bhee mehenga ho jaye ga
ये NDTV की निष्पक्ष पत्रकारिता एक तो पहले ये बता रहे कच्चा तेल का price हाई चल रहा है और फिर ये बता रहे हैं चुनाव खत्म होने पर price सब सकते क्या निष्पक्ष पत्रकारिता हैं
ओह तेल कंपनी तुम ने काफी बोझ उठा रखा है 😂
PetrolDieselPrice
सरकार ने जो टैक्स लगा रखे हैं उसका क्या होगा वो कम तो किए जा सकते हैं न
Ab bhi koi shak,notebandi karke maarne mein maza pa chuke ab election baad poora hindustan royega specialy gareebbb
तेल कंपनियां कोई बोझ नहीं उठाती, आम जनता को ही उठाना पड़ता है।
हर बात पे रोना...
बोझ तेल कंपनिया नहीं आम जनता उठा रही है.
Lagta hey desh Ney sirf aapkey paas garia hein,baaki sab pedal
बस 10 तारीख का इंतज़ार है उसके बाद बे तहसा बढ़ेगी
Ohhh..... तेल कंपनियां चुनाव भी लड़ती हैं। 🤔🤔😕😕 आज पता चला
तेल कंपनियों ने जनता पर इतना एहसान न करें जनता सब आप का खेल समझती है लुटने में कोई भी नहीं
मोदी है तो सब मुमकिन है।
राजा के प्यादे, मैदान में उतर गए हैं, सीट बैलट बाँध लो, फ़िलहाल टंकी फ़ुल करवा लो!!!!
यहां इलेक्शंस है बावा
सही है बेचारी मोदी सरकार भी तो मोदी जी के लुटेरे दोस्तो का बोझ उठा रही है । बाकी जनता के बोझ की किसको पड़ी है।
बस एक दिन का इंतजार कर लो इसके बाद अतंराष्ट्रीय का पाढ़ा शुरू ही होने वाला है
10मार्च के बाद केन्द्र सरकार खुद कहेंगे ये हमारे हाथ में नही है।
सिर्फ़ असर देखने को ही नहीं मिलेगा असर झेलना भी पड़ेगा जनता को
चुनाव के बाद क्या मतलब? पेट्रोल के प्राइस सरकार कंट्रोल करती हैं या बाज़ार?
लेकिन कच्चे तेल की कीमत जब कम थी उस समय पेट्रोल-डीजल के दाम क्यो कम नही किये गए। और एक समय ऐसा भी था जब कच्चे तेल के दाम आज की बराबरी में थे, उस समय पेट्रोल-डीजल के दाम कम हुआ करते थे।
7 मार्च के बाद सारी की सारी भरपाई पूरी हो जाएगी
7 मार्च के बाद कीमतें बढ़नी तय।
Jinko lagta ki bharat mai tel kuch hi sasta mil raha wo pump kar 20ruye jayda dekar modi ko gali de sakte hai
15_20rs tak mehga krenge ye behrupiye....
दिल्ली के राजेन्द्रनगर विधानसभा के नारायणागांव के WZ336 वाली गली में पीने का पानी वर्षों से नहीं आ रहा है जो थोड़ा बहुत खारा पानी आता था वो भी बन्द होता जा रहा है। यह क्षेत्र दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री राघव चड्ढा जी का है।
फायदा भी तो उठा रही है 2014 से......!!!!😬😬😬
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