नई दिल्ली : डेटा साइंटिस्ट पॉलिटिकल एनालिस्ट अमिताभ तिवारी ने कहा कि, बंगाल के संदेशखाली की घटना महिला वोटरों पर कितना प्रभाव डालेगी यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बीजेपी इसे कितना भुना पाती है.
अमिताभ तिवारी ने कहा कि, ''यदि 2019 का चुनाव देखें तो ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का ज्यादा समर्थन मिला था. उनको बीजेपी के खिलाफ महिलाओं में करीब चार परसेंट लीड मिली थी, जबकि पुरुषों में दो परसेंट की लीड थी. तो यहां पर इस बार यह एक मुद्दा बन सकता है, क्योंकि महिलाओं का सपोर्ट टीएमसी का काफी सालों से एक मजबूत पॉइंट रहा है. अब देखना होगा कि बीजेपी इसको कैसे भुना पाती है.
सीएसडीएस के प्रोफेसर संजय कुमार ने कहा कि, भले ही यह कई अन्य राज्यों के लिए सच नहीं है, लेकिन बंगाल में यह दिखाई दे रहा है. मुझे लगता है कि बंगाल में कांटे की टक्कर है. उन्होंने कहा कि 2019 में बीजेपी और टीएमसी के बीच सिर्फ 3% का अंतर था. इस चुनाव में इसे दोहराया जा सकता है.
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