नीलू रंजन, नई दिल्ली। एक जुलाई से नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली फाइलों के बोझ से मुक्त हो जाएगी। पुलिस, फॉरेंसिक, अभियोजन, कोर्ट और जेल पूरी तरह से आनलाइन जुड़ जाएंगे और किसी एक जगह की गई इंट्री सभी जगहों पर तत्काल उपलब्ध हो जाएगी। नए कानून के तहत फॉरेंसिक या मेडिकल रिपोर्ट पुलिस की जांच अधिकारी को कोर्ट में पेश नहीं करना पड़ेगा, बल्कि यह ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म पर स्वत: कोर्ट को मिल जाएगा। इसी तरह से कोर्ट के आदेश की प्रति लेकर जेल के अधिकारी के पास जाने की...
कहा कि इससे 'वन डाटा, वन इंट्री' के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। फॉरेंसिक टीम एफआइआर और केस नंबर के साथ अपनी रिपोर्ट ई-फॉरेंसिक प्लेटफॉर्म पर अपलोड करेगा और तत्काल यह रिपोर्ट ई-कोर्ट, ई-प्रोसेक्यूशन और सीसीटीएनएस पर उपलब्ध हो जाएगा। गलतियों की आशंका कम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लिये बयान या गवाही भी सभी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी। इससे अलग-अलग जगहों पर इंट्री में होने वाली गलतियों की आशंका भी नगण्य हो जाएगी। मजबूत होगी न्याय प्रणाली ऑनलाइन और डिजिटल सिस्टम में किसी रिपोर्ट, बयान...
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अब एक घंटे में कैशलैस इलाज की इजाजत और 3 घंटे में होगा क्लेम सेटलमेंट : IRDAIIRDAI ने स्वास्थ्य बीमा नियमों में बदलाव किए हैं, जिसमें कैशलेस उपचार के लिए एक घंटे के भीतर निर्णय और अस्पताल से छुट्टी के लिए इंतजार न करना शामिल है। यदि निपटान में तीन घंटे से अधिक समय लगता है, तो बीमा कंपनी अस्पताल के बिल का भुगतान करेगी।
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