Lunar Eclipse 2019 ज्योतिषियों के अनुसार 16 जुलाई की रात्रि 1.32 बजे ग्रहण का स्पर्श और रात्रि 4.30 ग्रहण मुक्त होगा। यम-नियम के अनुसार सूतक 3 प्रहर पहले यानी 9 घंटे पहले शुरू होगगुरु पूर्णिमा महोत्सव पर इस बार चंद्रग्रहण का असर देखने को मिलेगा, जो गुरु पूजन में बाधक रहेगा। 16 जुलाई को देर रात्रि से होने वाले चंद्रग्रहण के कारण 9 घंटे पहले सूतक लग जाएगा, जिस कारण गुरु पूजन दोपहर बाद 4.
ज्योतिषियों के अनुसार खंडग्रास चंद्र ग्रहण की स्थिति रहेगी। ग्रहण के कारण खगोलीय घटना करीब 2 घंटे 58 मिनट तक देखी जा सकेगी। ज्योतिषियों के अनुसार 16 जुलाई की रात्रि 1.32 बजे ग्रहण का स्पर्श और रात्रि 4.30 ग्रहण मुक्त होगा। यम-नियम के अनुसार सूतक 3 प्रहर पहले यानी 9 घंटे पहले शुरू होगा। तीन घंटे तक रहने वाला यह ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में भौगोलिक और राजनीतिक उठा-पटक की वजह बन सकता है। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार लगने वाले चंद्रग्रहण की वजह से पृथ्वी के बड़े भूभाग पर भूकंप, सुनामी, आगजनी और तूफान-चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाएं तक आ सकती हैं।
धनु राशि में ग्रहण होने से सत्ताधीशों राजनेताओं और उच्च सलाहकारों के लिए मुश्किल बढ़ सकती है। ग्रहण उक्त महाद्वीपों के कुछ देशों-प्रदेशों में सत्ता परिवर्तन भी करा सकता है। सर्वाधिक खतरा बड़े भूकंप और सुनामी का है। ग्रहण का प्रभाव एक चंद्र-माह अर्थात रक्षाबंधन तक बना रहेगा।आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूरज और चांद के बीच पृथ्वी घूमते हुए आती है, लेकिन वे तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते। ऐसी स्थिति में चांद की छोटी सी सतह पर पृथ्वी के बीच के हिस्से की छाया पड़ती है, जिसे अंब्र कहते हैं।...
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