नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीटीवी इलेक्शन कार्निवल झारखंड की राजधानी रांची में पहुंच चुका है. दिल्ली से शुरू हुआ यह सफर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार से होते हुए झारखंड पहुंचा है. एनडीटीवी के इस खास कार्यक्रम में स्थानीय संस्कृति के रंग नजर आए और राजनीतिक विमर्श के बीच राष्ट्रीय मुद्दों की भी बात हुई. रांची में भाजपा सांसद संजय सेठ, जेएएमए के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य और सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बारला ने अपनी बात रखी.
वही इसी मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बारला ने कहा कि जिस चांडिल डैम को हम जानते हैं कि 32 हजार आदिवासी मूल वासी विस्थापित होकर डैम भी बना कारखाना भी बना. वहां पर एक कंपनी को पानी दिया जा रहा है, लेकिन नीचे जो गांव हैं, उन्हें पीने के लिए पानी ही नहीं मिल रहा है. भाजपा सांसद ने अपनी उपलब्धियां गिनाई और कहा कि झीरी में एक लाख लोग दमा, कैंसर और अस्थमा से पीड़ित होते थे और पूरे शहर का कूड़ा वहां डंप होता था. 50 करोड़ की लागत से हमने वहां पर डंपिग यार्ड बनाया है.
इस पर सेठ ने कहा कि एचईसी को 70-80 साल हो गए. क्या किया. उसमें किसकी सरकार थी, कांग्रेस की. क्या किया. उन्होंने कहा कि अधिकतर कांग्रेस की सरकार रहीं. उन्होंने कहा कि एचईसी किसी भी कीमत पर बंद नहीं होने देंगे.
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