किसानों के प्रदर्शन पर बयान दे सकते हैं पीएम मोदीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी FICCI के इस संबोधन में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन पर भी अपनी राय रख सकते हैं. इससे पहले पीएम मोदी ने कृषि कानूनों की जोरदार पैरवी की है. 30 नवंबर को पीएम मोदी ने कहा था कि नए कृषि सुधारों से किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और छल से, धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है.
पीएम ने तब कहा था कि अगर किसान को कोई ऐसा खरीदार मिल जाए, जो सीधा खेत से उपज उठाए, जो ट्रांसपोर्ट से लेकर लॉजिस्टिक्स का हर प्रबंध करे और बेहतर कीमत दे, तो क्या किसानों को इसकी आजादी नहीं मिलनी चाहिए? उन्होंने कहा था कि पहले सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था. लेकिन बीते कुछ समय से विरोध का आधार आशंकाओं को बनाया जा रहा है. जो अभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर भ्रम फैलाया जाता है. कृषि कानून में भी यही हो रहा है. इस कार्यक्रम में दुनिया भर के 10 हजार से ज्यादा प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं. तीन दिनों तक चलने वाले इस वर्चुअल मीटिंग में कई केंद्रीय मंत्री, ब्यूरोक्रेट, इंडस्ट्री लीडर्स, डिप्लोमैट, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शिरकत कर रहे हैं.