Hasmukh Review: वीर दास की इस कॉमेडी सीरीज में सबकुछ है बस सहारनपुर नहीं है

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Hasmukh Review: वीर दास की इस कॉमेडी सीरीज में सबकुछ है बस सहारनपुर नहीं है HasmukhReview VirDas Netflix netflix thevirdas ravikishann RanvirShorey

देल्ही बेली, बदमाश कंपनी और गो गोवा गॉन में उन्होंने लोगों का ध्यान भी अपनी तरफ खींचा। थोड़े दिन पहले वह नेटफ्लिक्स पर दिखे 'वीर दास: फॉर इंडिया' में, जहां दावा किया गया कि वह वेदों से लेकर वास्को डि गामा तक भारतीय इतिहास के मजे ले रहे हैं। यहां, हसमुख में वह अपने खुद के ज्ञान के मजे लेते दिखे। हिंदी लिखते समय बिंदी कहां लगनी है, इसी पर सारा खेल टिका होता है। तो, हंसमुख और हसमुख में जो बारीक अंतर है, वही इस सीरीज की भी वॉकिंग लाइन है। यहां वीर दास के दोनों हाथों में लंबा सा बंबू है और...

इसके आगे भी रिव्यू पढ़ने का मन कर रहा है तो आपको बता देते हैं कि ये अपने रिस्क पर कीजिए क्योंकि हसमुख सीरीज के 10 एपीसोड देखना भी किसी रिस्क से कम नहीं है। सहारनपुर की स्क्रैप गलाने वाली भट्ठियों जैसी आग इस सीरीज में नहीं है। उस्ताद बने मनोज पाहवा भी हर बार थोड़ा सा और पाउडर लगाकर चेले को यही बताते रहते हैं। भूत का गला कटा हुआ दिखना जरूरी क्यों है, निखिल गोंसाल्विस ही बता सकते हैं। भतीजे पर फिदा चाची वाला एंगल भी सीरीज को कमजोर करता है, इसके अलावा ब्लैक कॉमेडी बनाने के लिए चिरकन जैसा मजाहिया...

वीर दास की सीरीज हसमुख ठीक वैसी ही अरदास है जिसकी लौ तमाम पुजारी बार बार कपूर डालकर इसलिए बढ़ाते रहते हैं कि चढ़ावा चढ़ता रहे। अच्छे मोड़ पर कहानी को खत्म करने की चाहत तो यहां है लेकिन सीरीज तब भटक जाती है जब हसमुख सोशल और पॉलीटिकल कमेंट करने के चक्कर में कभी वकीलों को सामूहिक रूप से गरियाता है तो कभी केजरीवाल, मोदी, मायावती से होते हुए नोटबंदी का एलान करने वाले को कन्फ्यूज इंसान बता देता है। हसमुख राइटिंग और एक्टिंग दोनों लिहाज से वीर दास की एक कमजोर सीरीज है। देखने वाली बात यहां ये है कि...

इसके आगे भी रिव्यू पढ़ने का मन कर रहा है तो आपको बता देते हैं कि ये अपने रिस्क पर कीजिए क्योंकि हसमुख सीरीज के 10 एपीसोड देखना भी किसी रिस्क से कम नहीं है। सहारनपुर की स्क्रैप गलाने वाली भट्ठियों जैसी आग इस सीरीज में नहीं है। उस्ताद बने मनोज पाहवा भी हर बार थोड़ा सा और पाउडर लगाकर चेले को यही बताते रहते हैं। भूत का गला कटा हुआ दिखना जरूरी क्यों है, निखिल गोंसाल्विस ही बता सकते हैं। भतीजे पर फिदा चाची वाला एंगल भी सीरीज को कमजोर करता है, इसके अलावा ब्लैक कॉमेडी बनाने के लिए चिरकन जैसा मजाहिया...

 

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