Farmer Protest: कोरोना के चलते क्या बदलेगी किसान आंदोलन की रूपरेखा, बड़े नेता ने दिया संकेत

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FarmersProtest : कोरोना के चलते क्या बदलेगी किसान आंदोलन की रूपरेखा, बड़े नेता ने दिया संकेत kisancovidandhypocrisy COVIDSecondWaveInIndia

कोरोना का यह दूसरा संक्रमण काल शहरों के अलावा गांवों में भी पैर पसार रहा है। गांवों में स्थानीय डॉक्टरों के पास बुखार के मरीज खूब आ रहे हैं। शहरों में जिन लक्षणों को लेकर कोरोना जांच हो रही हैं, वे लक्षण गांवों में भी लोगों में दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से समाज का बुद्धिजीवी वर्ग अपील रहा है कि अब आंदोलन की रूपरेखा बनाने का समय नहीं है। ऐसे में दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों को सुरक्षित रखने पर फोकस करना...

उधर, आंदोलन जारी रखने के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को आंदोलन आगे बढ़ाने की बात कही है, मगर मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्य शिव कुमार शर्मा कक्का जी कहते हैं कि कोरोना महामारी के चलते आंदोलन की रूपरेखा पर विचार करना जरूरी है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन किसान के दिल और मन में बस चुका है। मगर मौजूदा परिस्थितियां ऐसी हैं कि आंदोलन के स्वरूप पर विचार किया जाए।शिव कुमार शर्मा कक्का ने कहा कि कुंडली या अन्य बॉर्डर पर बैठे किसान कहीं महामारी की गिरफ्त में न आ जाएं। इसके लिए हम शुक्रवार को...

शिव कुमार शर्मा कक्काजी का यह भी कहना है कि यूं तो नवंबर-2020 में जब किसान बॉर्डर पर आए थे तब कोरोना का प्रथम दौर चरम पर था, मगर तब इसका असर किसान की सशक्त इम्यूनिटी पर नहीं था। अब कोरोना के दूसरे दौर में संक्रमण का फैलाव गांव तक हो रहा है। मध्यप्रदेश के हौसंगाबाद जिला की तहसील वनखेड़ी के मेरे खुद के गांव मच्छेरा खुर्द में सात कोरोना संक्रमण केस हैं। आसपास के गांवों में भी खूब कोरोना संक्रमण केस हैं, इसलिए इस महामारी से बचाव जरूरी...

 

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