जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ईवीएम में हेरफेर की आशंकाएं जताते हुए वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से 100 प्रतिशत मिलान करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सिस्टम पर संदेह नहीं करने की नसीहत दी। शीर्ष कोर्ट ने कहा, हमें किसी पर भरोसा करने की जरूरत है, सिस्टम को इस तरह खारिज करने की कोशिश न करें। जब बैलेट से चुनाव होता था, तब क्या होता था? याचिकाकर्ताओं की ओर से बैलेट से चुनाव का जर्मनी का उदाहरण दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत में चुनाव कराना बहुत बड़ा काम है, इस तरह के उदाहरण न दें।...
दलीलों पर पीठ ने पूछा कि उनकी मांग क्या है। भूषण ने तीन मांगे रखीं। पहली, चुनाव बैलेट से कराए जाएं। दूसरी, वीवीपैट पर्ची मतदाता को मिले और फिर वह उसे बाक्स में डाले। तीसरी वीवीपैट मशीन में पारदर्शी शीशा लगाया जाए जो कि 2017 में मशीन के डिजाइन में परिवर्तन करके हटा दिया गया है और अब उसकी जगह एक धुंधला सा शीशा लगा दिया गया है और सात सेकेंड के लिए लाइट जलती है जब मतदाता अपनी पर्ची देख सकता है, लेकिन वह अंदर यह नहीं देख सकता। कोर्ट ने कहा- सिस्टम को खारिज करने की कोशिश न करें कुछ यूरोपीय देशों के...
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