Exclusive: अर्जुन अवार्डी संजीव बालियान ने बताया कैसे तय किया क्रिकेट से कबड्डी तक का सफर

  • 📰 Dainik Jagran
  • ⏱ Reading Time:
  • 52 sec. here
  • 2 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 24%
  • Publisher: 53%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

Exclusive: अर्जुन अवार्डी संजीव बालियान ने बताया कैसे तय किया क्रिकेट से कबड्डी तक का सफर UttarPradesh

भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान और अर्जुन अवार्डी संजीव बालियान ने खेल करियर की शुरुआत क्रिकेट से की थी। क्रिकेट का जुनून उनपर सिर चढ़कर बोलता था। उनका कबड्डी में आना एक इत्तेफाक रहा। गांव में ही एक बार कबड्डी का अभ्यास किया, जिसे देखकर उनके ताऊ के लड़के बिजेंद्र बालियान ने उन्हें कभी क्रिकेट का बल्ला नहीं थामने दिया। स्कूल कबड्डी से भारतीय टीम की कप्तानी तक के सफर और एशियन कप से वर्ल्ड कप कबड्डी में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में उन्होंने महत्पूर्ण भूमिका निभाई। उनसे हुई विशेष वार्ता के...

आप मूलरूप से मुजफ्फरनगर जिले के गांव मुंडभर से हैं और बचपन में आप स्थानीय स्तर के टूर्नामेंट में खूब क्रिकेट खेले। फिर कबड्डी में कैसे आए? हां, यह बात बिल्कुल सही है मैंने क्रिकेट से ही खेल की शुरूआत की थी। गांव की जूनियर टीम में ही रहकर बल्लेबाजी करता था। गांव में कबड्डी भी खेली जाती थी। मेरे ताऊ के बेटे बिजेंद्र बालियान कबड्डी के अच्छे खिलाड़ी थें। एक बार मैं उनके साथ कबड्डी का अभ्यास करने लगा। मेरी फुर्ती देख क्रिकेट बंद कराया। कभी क्रिकेट खेलने जाता तो वह मैदान में पहुंचकर स्टंप उखाड़ देते। फिर मेरे साथी खिलाड़ी ही मुझे यह कहकर कबड्डी खेलने भेज देते। उनके सानिध्य में बस कबड्डी ही खेला।मेरे पिता मांगेराम बालियान काफी सख्त मिजाज...

ऐसा नहीं है कि हमारे यहां गांव देहात या शहरों में प्रतिभाओं की कहीं कोई कमी है, लेकिन हमारे यहां ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के मैदानों पर कब्जे हैं और इसे लेकर सरकार की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। वहीं, जहां स्टेडियम हैं वहां खेल प्रशिक्षक नहीं हैं। खेल प्रतिभाएं बिना प्रशिक्षकों के कैसे निखरेंगी। प्रशिक्षक हैं, लेकिन उनकी नियुक्तियों का रास्ता साफ होना चाहिए।

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

आउटसोर्स कर्मचारी ने अपने जीवन समय विभागो में सेवा को दिया हैउन्हें विभाग द्वारा नियमित आधार पर अन्य कर्मचारी की नियुक्ति पर आउटसोर्स को विभाग से निकालने का डर रहता है तब उम्र के हिसाब से आउटसोर्स वालोंको काम मिलने के अवसर नहि होते है व उनके परिवार को पालन पोषण बहुत ही कठिन है

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 10. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

योगी ने बनारस में घुसने से रोका तो VIP के सहनी ने नीतीश को दिखाए तेवरबैठक का बहिष्कार करने के बाद मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सबका साथ, सबका विकास का नारा देते हैं। लेकिन उत्तरप्रदेश में इसका पालन होते हुए नहीं दिखा।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का डेटा मांगा : सूत्रकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों का डेटा मांगा है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. एक असंवेदनशील सरकार ही हो सकती है जो अब जा के ऐसा डेटा मांग रही है, कोई दूसरी सरकार होती तो अब तक पीड़ित परिवारों को मद्त का ऐलान कर चुकी होती। स्वास्थ्य मंत्रालय को अब नींद खुला.. तो पहले सदन में बाँसुरी बजाई थी क्या
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »

'ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं', केंद्र ने फजीहत हुई तो राज्यों से मांगा आंकड़ाहरदोई जिले के गोपामऊ क्षेत्र से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने सरकार के बयान के विपरीत ऑक्सीजन की कमी से सैकड़ों लोगों के मारे जाने का दावा किया है।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

PMO छोड़ने से पहले मोरारजी देसाई ने बांध लिए थे गुप्त दस्तावेज, जानिए क्या थी वजहवरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी ने अपनी हालिया किताब 'अ रूड लाइफ: द मेम्योर' में दावा किया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय छोड़ने से पहले मोरारजी देसाई ने कई गोपनीय दस्तावेज पहले ही हासिल कर लिए थे। 'द प्रिंट' ने इस किताब का Excerpt प्रकाशित किया है।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

टोक्यो ओलंपिक: हॉकी में भारत ने स्पेन को 3-0 से हराया - BBC Hindiइससे पहले ऑस्ट्रेलिया से भारतीय टीम 7-1 से हार गई थी. अगला मुकाबला अर्जेंटीना से है. Congratulations Congrats team India jai ho
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »

अर्जेंटीना में 'गुलाबी प्रदूषण' से परेशान लोग, इस केमिकल ने बदल दिया रंगआपने प्रदूषण के कई रंग देखे होंगे, काली नदी, सूखे पेड़, धुंधला आसमान, आंखों को जलाता स्मॉग...क्या आपने गुलाबी प्रदूषण (Pink Pollution) देखा है. अर्जेंटीना का दक्षिणी पैटागोनिया इलाका इस समय ऐसे ही प्रदूषण से जूझ रहा है. इस प्रदूषण की वजह से नदी, लगून और झील गुलाबी हो गई है. साथ ही आसपास के कुछ पेड़-पौधे भी गुलाबी रंग में बदल गए हैं. इस प्रदूषण की वजह से आपके कहीं हल्का तो कहीं गहरा गुलाबी रंग दिखाई देगा.
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »