केंद्र सरकार ने गांवों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कमर कस ली है। दूसरी लहर में अर्धशहरी, ग्रामीण और जनजातीय इलाके भी चपेट में आ रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने संक्रमण रोकने और संक्रमितों को इलाज मुहैया कराने के लिए विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है। इसमें ग्राम पंचायतों, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों समेत अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता, जांच, आइसोलेशन और इलाज का विस्तृत ब्योरा दिया गया है। इसके साथ ही इन इलाकों में ऑक्सीजन सप्लाई की सुचारु व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।...
ध्यान देने की बात है कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पंचायतों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने एक हफ्ते पहले ही लगभग 8,923 करोड़ रुपये जारी किए थे। ग्रामीण इलाकों में हेल्थकेयर वर्कर्स की कमी और टे¨स्टग की बड़े पैमाने पर जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को एंटीजन टेस्ट करने की ट्रेनिंग देने के लिए कहा है, ताकि वे गांव में बड़े पैमाने पर टेस्टिंग कर मरीजों की पहचान, उनके संपर्क में आने वालों को आइसोलेशन में रखने का इंतजाम कर...
होम आइसोलेशन किट मुहैया करवाई जाए। इनमें पैरासीटामॉल 500mg, आइवरमेक्टीन टैबलेट, कफ सिरप, मल्टीविटामिन भी शामिल है। इसके अलावा आइसोलेशन में किन सावधानियों का पालन करना है, इसका एक पम्फलेट भी दिया जाए। दवाओं, निगरानी आदि की जानकारी भी दी जाए। एक कॉन्टैक्ट नंबर भी दिया जाना चाहिए, जिस पर स्थिति बिगड़ने या सुधरने या फिर डिस्चार्ज के संबंध में जानकारी ली जा सके।मरीज और उसकी देखरेख कर रहे लोग लगातार स्थिति की निगरानी करें। अगर गंभीर लक्षण होते हैं तो तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत है। सांस लेने में...
अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल 94 फीसद से कम होता है तो उसे तुरंत ऐसे स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाए, जहां ऑक्सीजन बेड की सुविधा हो।
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