जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, गुजरात में भाषण देते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि राज्य की मशीनरी का इस्तेमाल कर असहमतियों पर अंकुश लगाना, डर की भावना पैदा करता है जो क़ानून के शासन का उल्लंघन करता है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि असहमति का संरक्षण करना यह याद दिलाता है कि लोकतांत्रिक रूप से एक निर्वाचित सरकार हमें विकास एवं सामाजिक समन्वय के लिए एक न्यायोचित औज़ार प्रदान करती है, वे उन मूल्यों एवं पहचानों पर कभी एकाधिकार का दावा नहीं कर सकती जो हमारी बहुलवादी समाज को परिभाषित करती हैं.अहमदाबाद में गुजरात हाईकोर्ट के ऑडिटोरियम में वो ये व्याख्यान दे रहे थे. 15वें न्यायमूर्ति पीडी देसाई स्मारक व्याख्यान का विषय 'भारत को निर्मित करने वाले मतों: बहुलता से बहुलवाद तक' था.
Lok tantrt pr nhi tere gand pr hamla h suar
असहमति नही, भटकाने बाली भाषन और आचरण ही देश-विरोधी कार्य है।
हिंदूओं को असहिष्णु, सांप्रदायिक घोषित करनेवालों पर भी कुछ कहते हुजूर.
Asahmat ho desh todne ki bat karoge Kya, asam todne ki bat karta hai ak jihadi aur hum en kutton ko desh drohi bhi n bole, Sale mabad ki padaesh hai
Andhbhakto ki fati
राष्ट्रहित क्या हे वह भी बता दो ,
BBC is also paid news agency specially against indian government
अर्थ शास्त्र टाईप का विरोध पर दीर्घ उत्तरीय प्रश्न का उत्तर ।
साथ साथ देशद्रोही नारों और बयानों को भी अभिव्यक्ति की आज़ादी करार दे देते। नक्सलियों और आतंकवादियों को स्वतंत्रता सेनानी भी बता देते।
ठीक है फिर सरकार को भी चंद्रचूड़ से असहमत ही रहना चाहिए और वो जो कर रही है वो करती रहे
Right
जल्द ही ये कॉन्ग्रेसी करार दिए जाएंगे
CAA के नाम पर विरोध प्रदर्शन मेरे विचार से लोकतंत्र का हिस्सा नहीं है कुछ दलों द्वारा अपने सर्मथकों द्वारा शासन का विरोध है। हमारे मुस्लिम भाइयों को गुमराह कर देश विरोधी नारे लगाना लोकतंत्र का दुरुपयोग है। राष्ट्र के ऊपर कोई नहीं हजो देश समाज इतिहास से सबक नहीं लेता उसका भविष्य!
सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम लीडर आपस में तय करले हम इस बात से पूर्ण रूप से सहमत है 😭😭
आप की नींद खुल गयी,लोकतंत्र का खयाल कांग्रेस राज में किधर घूमने गया था
Ye Khood hi CAA ka virodhi hai ..
असहमत हो तो क्या देश विरोधी नारे लगाओगे पूर्वोत्तर को अलग करोगे और देशद्रोही भी नहीं कहलाओगे इसीलिए तो भारत का कानून इतना ढीला है देशद्रोहियों को पता है कई मिल जाएंगे वकालत करने और वोट देकर चुनाव जिताने वाले
आपने इस्लाम का क्रूरता और पैसे के बल पर फैलाव देखा, आपने धूर्तता, मक्कारी और पैसे के बल पर ईसाइयत का विस्तार देखा, आपने British संसद गीता पाठ, ऐसी कई घटनाओं ने उद्वेलित किया होगा अब समग्र एवं सौम्य हिंदुत्व का विकास आपको हजम नहीं होगा, ये एजेंट हैं पश्चिमी बिलबिलाएंगे ही 😊
सही कहा
Beshak
देश भक्ति हिन्दुत्त्व को समझ रहे है आरएसएस के लोग भारत और तिरंगे प्रेम नहीं केवल भगवा चाहिए? यही देश प्रेम है
मदरसों से पढ़ें 99% लोग या तो आतंकवादी हैं या आतंकवादियों के समर्थक हैं...
₹150 लीटर पेट्रोल तक तो हम बीजेपी के साथ हैं उसके ऊपर गया तो भगवान कसम बैटरी वाला रिक्शा लेकर मोदी जी को वोट देने जाएंगे 🚩🚩🚩
देश विरोधी असहमती देशद्रोह ही है ! आप नक्सली, खालिस्तानी और स्वतंत्र काश्मीर का बचाव नहीं कर सकते !
Idea of India मे minority के लिए कुछ commitment है।सुना है उस पार वाले minorities के लिए भी कुछ था।क्या ये सच है कि CAA उसी को पूरा करने का प्रयास है ?ऐसा मैंने सुना है।
और इस बात से असहमत होना लोकतंत्र को खतरा नहीं है!
असमहति में राष्ट्र की संपत्ति जलना और फूकना , विरोधी राष्ट्र का गुड़गान करना , लोकतांत्रिक सरकार के खिलाफ गलत ग़लत खबरें फैलाना , राष्ट्र तोड़ने की बात करना ?
BhavikaKapoor5 पिछले छः साल से ये ही तो हो रहा है जो सरकार की हाँ में हाँ मिलाए वो राष्ट्रवादी और जो विरोध करे वो राष्ट्रद्रोही। इस सरकार ने लोगों को आपस में लड़ाने का काम किया है देश में भाईचारा ख़त्म करने का काम किया है। एक सीएम को आतंकवादी घोषित करदेती है। गोली मारो के नारे लगवाती है।
डियर चंद्रचूड़ जी, सुप्रीम कोर्ट का प्रावधान ही इसलिए किया गया है कि गर कोई सरकार संबैधानिक रास्ते से भटके तो उसे अविलंब राह पर लाए, पर आजकल तो यही संस्था ही रास्ते से भटक गई है, अब नागरिक करे तो क्या करे ?
साहस,,,
BhavikaKapoor5 Our Constitution give us equal rights but our menstruation doesn't! KutchUniversity Shame 😡
Good sir
mzbazmi25 लोकतांत्रिक तरीके पर चलना राष्ट्र विरोधी कैसे हो सकता है?
जज साहब ने कहा असहमति को राष्ट्र विरोधी कहना लोकतंत्र पर हमला तो क्या असहमति को ढाल बना कर लोकतंत्र पर हमला करते है तो क्या लोकतंत्र का बढ़ावा है
असहमति विचारो और सरकार के बनाये गए कानून से हो सकती है पर देश को दशको से एकतरफा फैसले और कानून देख रहा है। बाटने की व्यवस्था तो दशको से संविधान में दी गई है। कॉमन सिविल कोड आजतक लागू नही हुआ, क्या सभी एक समान नहीं। अधिकारों की बात करते है पर दायित्व की बात कोई नही करता।
......
Bobde sanghi ke hathon bik gaya he
अपना काम ढंग से कोर्ट कर नही पाती आ गए ज्ञान देने
भारत तेरे टुकडे होंगे इंशाअल्लाह, चिकेन नेक काट दो असम को अलग कर दो ,हिन्दुओ की कब्र खुदेगी,खिलाफत 2 ,ये सब तोह देशभक्ति गीत है
Justice
Sir Jai Hind AAP ne Hindustan ki bath kahe di
इस आदमी को समाचार में दिखने की कोई आवश्यकता नही है, एक नम्बर का पाखण्डी है। इसके निर्णय पढ़िए लगता ही नही की न्याय्याधीश है
अनशन करे ये प्रजातंञ देश है मौलिक अधीकार है पर ऐसा अनसन न करे जिससे जनता के कार्य रूके यह मौलिक अधीकार मे नही आता इसलिये यह अनशन गलत है
कानून कहाँ बनेगा- सड़क पर ? या संसद में ? सड़क रोकने से संसद के फ़ैसले बदलने लगे तो फिर संसद की अहमियत खत्म हो जाएगी । जो संसद में बैठते हैं क्या वे इस देश की जनता के प्रतिनिधि नहीं हैं? किसी को जातिगत आरक्षण पसंद नहीं है, तो क्या उनके द्वारा सड़क बंद करने से कानून बदला ?
ये भी धरने पर बैठा था शायद एक बार और हम क्या मानते हैं हमारी मर्जी
देखो ये बात यू.पीं. सरकार को कब समझ आती है
sir yaha asahmati ko sari bjp & party desh virodhi manti hai
जस्टिस चंद्रचूड़ अपने डिसेंट के लिए जाने जाते है, लोकतंत्र में विरोधी आवाज होना आवश्यक होता है, पर लोकतांत्रिक अधिकारों का सबसे बडा दुरुपयोग देश मे अराजक,देशद्रोही ताकते कर रही है, इसपे अंकुश रखना भी सरकार की जिम्मेदारी होती है, इसपर चंद्रचूड़ जैसे वामपंथी कभी मुहं नही खोलेंगे
परन्तु पाकिस्तान जिन्दाबाद करने वालों से असहमति होना चाहिये की नहीं यह भी स्पष्ट होना चाहिये
देशविरोधी नारे और संलिप्तता को सरकार से असहमति का बिरोध के नाम से जायज नहीं ठहराया जा सकता है? ? क्रिमनल अपराधी को भी सरकार का बिरोध करने पर छोड़ देना चाहिये ? ? ये बौध्दिक दिवालियापन है
Mohamma20611294 अब जल्द ही भाजपा बाले माननीय जज साहब को भी देशद्रोही घोषित कर पाकिस्तान जाने का सलाह देंगे।
...और सार्वजनिक सड़क पर कब्ज़ा करना, बसों में आग लगाना, रेलवे सम्पत्ति को नुक्सान पहुंचाना?
..और बस जलाना, रेलवे स्टेशन जलाने को क्या कहना चाहिए ?
Will CJI take note of his fellow judges view in his hearings IndiaToday VazeIndian Fayezz_Md Nidhi Shehla_Rashid ModiLeDubega
स्वस्थ व उन्नत समाज की पहचान ही यही होती है कि वह असहमितियों से शक्ति ग्रहण करे ,क्योकि ऐसा न करके वह स्वयं को ही सीमित दायरे में बंद कर लेता है।
डॉ. काफिल खान को पहले योगी सरकार ने गोरखपुर हॉस्पिटल में सरकार की नाकामी की वजय से मरे सैकड़ों बच्चों का बेबजया जिम्मेदार ठहराकर प्रताड़ित किया। अब CAA के विरोध में भाषण देने पर उसे भड़काऊ भाषण बताकर रासुका कानून लगाकर जेल में डाल दिया। शर्मनाक। असहनीय। DrKafeel_ko_RihaKaro
असहमति लोकतंत्र की रूह है।हम आपसे असहमत हैं इसका अर्थ यह नहीं है कि हमें देश से प्यार नहीं है। सच्चा देशभक्त तो वह है जो सरकार की गलत बातों का विरोध करता है चाहें किसी भी दल की सरकार हो।
अंध भक्त अब जस्टिस चंद्रचूड को भी देशद्रोही बोल दो 😂
Lekin Jo kanoon bana hai usko todna vo bhi to Rashtra Virodhi hi hai
Kanahiyaa kumaar se bhi milo
Sir....aap democracy k sbse important pillar ho...koi aisa judgement do ki ye story end ho jye.....sarkar k against hona anti national nhi hota h
सरकार की हर बात बात पे जो 'असहमति' दिखाये उसको 'राष्ट्र-विरोधी' नहीं 'मादरचोद' बोलना चाहिए..!!😡 आगे_आपके_अल्लाह_जाने 🙏🏻
All justis not sold
चंद्रचुड़ साहब को किसानों की आत्महत्या नही दिख रही है?
जिन्हें पेशवाई की चाहत है उन्हें तो असहमति राष्ट्र विरोधी ही लगेगी
आपकी हिम्मत को 🇮🇳🙏🙏🙏🙏
Nautanki bazi kr rha hai Imandari se judgment dijye Democracy Bach jaigi
One more Desh_ka_Gaddar
BJP के सारे नमूने, अपने आप को ही कानून मानने लगे है। BJP का चिंदीचोर भी किसी को देशद्रोही बोल दे... तो अंधभक्तो की सेना उसे highlight कर देते है। BJP को भ्रम हो गया है। कि 'हमने जो किया, अच्छा किया। हम जो कर रहे है, अच्छा कर रहे है। हम जो करेंगे, अच्छा ही करेंगे।'
और इसी लोकतंत्र पर हमला गुजरात से शुरु हो कर 2014 से पुरे देश मे BJP कर रही है।
पर कोई काम सरकार करे ही असहमति बनाने को तो?
Badmaashi bharaa bayaan. Communiston vala ektarfa, pakshpaati aur nyaay ke taraju par khokhla bayaan.
सर , लोकतंत्र में असहमति होना जरूरी हैं लेकिन उसी मंच से जिन्ना वाली आज़ादी के नारे लगे तो ...... 🤔🤔
Asahmati Rastra Hit hona ye Rastra dhrohi hai.... Justice babu...
और लोकतंत्र पर ऐसा हमला पिछले 6 सालों से हो रहा है..! और माननीय उच्चतम न्यायालय खामोश है
असहमति की भी एक सीमा होती है सर आप सिर्फ राजनीतिक विरोध के चलते सरकार के हर निर्णय के खिलाफ जाने को असहमति नहीं कह सकते लोकतंत्र में विपक्ष का भी कुछ भूमिका होती है कि देश में एक सही वातावरण बना रहे यहां तो लोग अपने देश की संस्थाओं पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं
ये तो supreme court पहेले भी कहे चुका है ,...........
ye wo hi hen na jinhone sabrimala pe faisla diya tha?...tab aur kya ummeed ki jaye !
और सुनबाई से खुद को अलग कर लेना का क्या अर्थ है साहब!
Such judges present in judiciary is itself an attack on SC mkatju
लगता है ज्यादा पढा लिखा होना भी बुद्धि भ्रष्ट कर देता है एक तरफ तो ये संविधान की दुहाई देते फिरते है लेकिन इनको इस बात का संज्ञान भी नही कि जो कानून संसद में पास हो चुका है उसका विरोध राष्ट्र विरोध ही है क्योंकि संविधान के अनुसार ही संसद को यह अधिकार दिया गया है।
पूरा देश ये समझ ता है बीजेपी वालो को ये समझ नहीं आता
असहमति को ‘राष्ट्र-विरोधी’ कहना लोकतंत्र पर हमला लेकिन असहमति जताने के लिए उपद्रव करने वालों को ज़रूर राष्ट्रविरोधी ही मानना होगा ओर योगीजी यह सिध्दांत के आदी हैं।
Justice delayed is justice denied sir..
BBC vale Dlal hai
असहमति राष्ट्र-विरोध नही परंतु असहमति बिना किसी तर्क के चलो वो भी चलेगा लोकतंत्र है पर असहमति के नाम पर हिंसा करना बसें जलाना ट्रेन जलाना उन पर पथराव करना महीनों तक रास्ते रोकना देश को उसके ही राज्यो से काटने की साजिस करना ये जरूर राष्ट्र-विरोध है ओर ये कृत्य लोकतंत्र पर हमला है।
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