खास बातेंनई दिल्ली: देश में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 94 नए मामले सामने आए हैं. इसी के साथ भारत में इस वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़कर 918 हो गई है. कोविड-19 की वजह से अब तक 19 लोगों की जान गई है. इधर सरकार द्वारा बुधवार से पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. जिसके बाद देश के कई भागों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है.
इस मामले पर सरकार की तरफ से अब प्रतिक्रिया आयी है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है," सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने से पहले ही देश की सीमाओं पर कम्प्रीहेंसिव रिस्पॉन्स सिस्टम लागू कर दी थी. साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि 30 जनवरी को भारत में कोरोनावायरस के पहले मामले का पता चलने से बहुत पहले 18 जनवरी से ही चीन और हांगकांग से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही थी.
टिप्पणियांगौरतलब है कि कोरोनावायरस खतरे को देखते हुए सरकार ने गुरुवार को 1.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक के राहत पैकेज की घोषणा की जबकि भारतीय रिजर्व ने कोरोनावायरस से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए रेपो दर, सीआरआर में कटौती और बैंकों को कर्ज की किस्त पर वसूली से तीन महीने तक रोक की अनुमति दी है.
Ye neech sarkar humesha safai de kar hi apni nichta ko chhupati hai Hospital nahi banayenge Murti pe dhan lurayenge Mandir murti wali sarkar Janta hai bebas lachaar LockdownWithoutPlan ModiSarkarAlwaysFail
क्लू लेस सरकार है,चीन में दिसम्बर से ही ये बीमारी फैल गई थी,उस समय विदेश से आने वाले अमीरों को रोका नहीं,आज गरीबों पर लाठी चला रही है हिन्दू सरकार ।क्या गरीबों ने वायरस लाया?
ये लॉकडाउन दो सप्ताह पहले करना था , लेकिन क्या करें मजबूरी थी । मध्यप्रदेश में सरकार भी तो बनानी थी ।
आलोचनाओं के चक्कर में न रहो बाबू,अगर lockdown ओर देर से लाते तो ओर कोरोना से मृत्यु बढ़ जाती तो यही आलोचना वाले जैसे आप इस चीज की आलोचना करते कि lockdown में इतनी देरी क्यो की। आलोचनाओं में न पड़े और इस मुसीबत में सकारात्मक खबरें दिखाए।
अरे मगर केजरीवाल जी तो दिल्ली मे खाना रहना सब दे रहे थे तो ये लोग जा कहा रहे है । झूठ बोलना कोई आप वालो स्व सीखे ।
Aabhi bhi ho sake utni help karni chahiye sarkar ko
सरकार की देन है ये अव्यवस्था
अगर ndtv से कोई मेरे इस comment को पढ़ रहा है तो आपसे मेरी request है, जो youtube link मैं शेयर कर रहा हु, इसमें कितनी सच्चाई है उसकी जांच करे, अगर हो, तो covid19 के संकट से देश को बचा पाएंगे Please जाँच करें 🙏
दिल्ली से केवल यूपी,बिहार का दिहाड़ी मजदूर ही क्यों भाग रहा और बांग्लादेशी,रोहिंग्या किसके भरोसे वहां सुरक्षित है?
अलोचना करना बडा सरल है पर मदद करना बडा कठिन ,NDTvतो सिर्फ आलोचना करने मे आगे है अभी तक मदद की कोई सूचना नही
जल्दी आनंद बिहार बस टर्मिनल पहुंचकर पता करो कि इतनी भीड़ बिना साधन के वहाँ पहुंची कैसे? कहीं ArvindKejriwal का कारनामा तो नहीं!
वे मुख्यमंत्री जो काम कम लेकिन प्रचार ज्यादा कर रहे वे 'लाँकडाउन'' को 'फेल' करने पर उतारू है, नही क्या तो कारण है दो दिन मे ही लोग दिल्ली छोड़ चले ?
No preparation would be suffice. Govt has to take the drastic steps. Criticising govt will escalate problem like one we are tackling in UP where lacs of people gathered to go to their hometown.
अगर बारात में 100 तरह के अच्छे पकवान बनाके बारातीयो को खिलाओ लेकिन डाल में से नमक नुस्क निकालने वाले फूफा हर जगह आ ही जाते हे ओर देश में रandi tv का काम ही यही हे की ऐसे फूफा ओ को ढूँढना
नोटबन्दी की तरह बिना सोचे समझे लिया गया देशबंदी का फ़ैसला.
ये बात तो सही है ,अगर लाॅकडाउन करना था तो उन लोगों के लिए भी सोचना था,जो घर से बाहर हैं,गांव,घर आना चाहते हैं ।इस बात की चर्चा भी करनी चाहिए थी।
गोर करने वाली बात है कि सिर्फ और सिर्फ दिल्ली से ही यूपी ,बिहार वाले मजदूर ओर वो भी सिर्फ एक ही हिन्दू कॉम वाले ही क्यो जा रहे है? कोई शान्ति दुत , जालीदार टोपी वाली कॉम क्यो नही दिख रही। क्या ये सब एक साजिश की ओर इशारा नही करता?
अनपढ़ सरकार ऐसाही करती है! 70सालमें कांग्रेसने कुछ नहीं किया लेकिन भाजपाने तो6साल में ही देशको बर्बाद करके अब Lockdown21 भी कर दिया! देशकी जनता इसको कभी नहीं भूलेगी! जुमलेबाज को चुननेकी कीमत आज पूरा देश चुका रहा है! देश त्राहि त्राहि कर रहा है और ये महाभारत रामायण दिखा रहे है!
शहरों से गांव की ओर मजदूरों का पलायन- जब लोगो को मरने का डर हो जाता है तो वो चाहता है कि अपनों के बीच ही जिए या मरे यही भारत का सामाजिक ताना बाना है प्रधान मंत्री राहत कोष का पैसा और ये सब समान जनता तक सही ढंग से मिलेगी भी या केवल जुमला है नोटेबंदी की तरह अधूरी तैयारी से लॉक डाउन
देखिएगा यहां भी कई भक्तों कि जलेगी।।। और वो इसमें अपना अंध भक्ति वाला लॉजिक देंगे जरूर।।।
की तो थी तैयारी MP. में सरकार बनाने की
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