यह सम्मान भारतीय महिला खिलाड़ियों के योगदान को रेखांकित करने और खेल जगत में उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए बीबीसी की ओर से भारत में एक पहल है.
बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमेन ऑफ़ द ईयर, 2020 भारत की असाधारण महिला खिलाड़ी को दिया जाएगा. इसके अलावा पैरा एथलीट सहित सभी खेल वर्गों को मिलाकर एक उभरती प्रतिभा को भी सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा, "बीबीसी की इस पहल से महिला खिलाड़ियों के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ रही है. इससे निश्चित तौर पर लोग मेरे खेल यानी पैरा बैडमिंटन के बारे में जानने को उत्सुक होंगे."पिछले कुछ सालों में खेल की दुनिया में क्या कुछ बदला है, इस बारे में पीटी ऊषा ने बताया, "जब मैं एथलीट थी तब बहुत सुविधाएं नहीं थीं. विदेशी एक्सपोजर नहीं होने के चलते मैं मेडल जीतने से चूक गई थी. अब स्थिति सुधर रही है. अब विदेशी कोच हमारे एथलीटों को ट्रेनिंग दे रहे हैं.
इसके जवाब में पीटी ऊषा ने अपना उदाहरण दिया और कहा, "मुझे नहीं लगता कि महिला खिलाड़ियों के लिए कोई एक्सपायरी डेट होती है. मैंने अपना करियर 1976-77 से शुरू किया था. 1990 तक मैं एथलीट के तौर पर सक्रिय थी. इस दौरान मैंने 102 इंटरनेशनल मेडल हासिल किए. इसके बाद मैंने अपना स्पोर्ट्स स्कूल खोला."
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