B.Ed डिग्री धारकों को शामिल करने से बढ़ेंगी शिक्षा मित्रों की मुश्किलें?– News18 हिंदी

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योगी कैबिनेट के इस फैसले से शिक्षामित्रों की परेशानी बढ़ने वाली है!

यूपी की योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में सहायक अध्यापकों की भर्ती को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. इसके तहत अब बीएड डिग्रीधारक भी शिक्षक बन सकेंगे.बीएड डिग्री धारकों को तो शामिल कर लिया गया लेकिन क्या शिक्षा मित्रों की मुश्किलें खत्म होंगी? यूपी की योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में सहायक अध्यापकों की भर्ती को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. इसके तहत अब बीएड डिग्री धारक भी प्राइमरी शिक्षक बन सकेंगे. हालांकि ऐसे शिक्षकों को नियुक्ति के 2 साल के भीतर ही प्राथमिक शिक्षा का ब्रिज कोर्स करना होगा.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि यूपी के शिक्षा मित्र को दो लगातार भर्तियों के जरिए सहायक अध्यापक बनने का मौका दिया जाए. एक भर्ती पहले हो चुकी है. इस भर्ती पर भारी अनियमतिताओं की वजह से सीबीआई जांच चल रही है. वहीं दूसरी भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. इस समय जो भर्ती चल रही है, उसमें कुल 69 हजार पदों को भरा जाना है. इसके लिए करीब 30 हजार शिक्षा मित्रों ने भी आवेदन किया है. यह शिक्षा मित्रों के लिए सहायक अध्यापक बन जाने का आखिरी मौका है.इस भर्ती का आवेदन 5/12/2018 को निकाला गया था.

यूपी में शिक्षा मित्रों के प्रतिनिधि रिजवान अंसारी कहते हैं कि योगी सरकार ने यह निर्णय जान-बूझकर हमारे रास्ते में रोड़ा अटकाने के लिए लिया है. रिजवान शिक्षा मित्रों के मामले में याचिकाकर्ता भी हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों को अध्यापक बनाए जाने की राह में कई रोड़े अटकाए गए हैं. पहले TET की बाध्यता लगाई गई तो फिर उसके बाद लिखित परीक्षा रखी गई. लिखित परीक्षा में हमारे साथ यह खेल हुआ कि पहले पास नंबर 67 ही रखे गए थे लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 97 कर दिया गया.रिजवान कहते हैं कि दरअसल सिर्फ B.

 

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