विभाग ने मवेशियों को संतुलित आहार और साफ और ताजा पानी उपलब्ध कराने की सलाह दी है. इसके साथ ही विभाग ने कहा है कि बाढ़ आने की स्थिति में पानी में डूबी हुई घास और पहले से भीगा हुआ भूसा पशु और मवेशियों को चारा के तौर पर नहीं खिलाना चाहिए.बाढ़ के समय देखा गया है कि बहुत सारे मवेशियों की मौत भी हो जाती है. जिससे इलाके में गंभीर बीमारी फैलने का भी खतरा बना रहता है. पशु एवं मत्स्य विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि मरे हुए मवेशियों का निस्तारण सावधानीपूर्वक करना चाहिए.
पशुपालन विभाग ने यह भी कहा है कि बीमार और घायल मवेशियों को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिए और उपचार के लिए पशु चिकित्सक से संपर्क स्थापित करना चाहिए. बता दें कि इन दिनों बिहार में बाढ़ एक बार फिर कहर बरपा रही है. उत्तरी बिहार में कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. मोतिहारी, दरभंगा और गोपागंज में स्थिति काफी भयावह है.
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