पालन भी करना पड़ेगा। कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार को कर्नाटक के सभी जिलों में चार जनवरी 2022 को कोरोना की रोकथाम के लिए जारी किए गए दिशानिर्देश को सख्ती से लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
जबकि कायदे से जहां भी नेता कोरोना नियमों का उल्लंघन करें, वहां पर पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया जाना चाहिए और चुनाव अधिकारियों से जवाब मांगा जाना चाहिए। मास्क नहीं पहनने वाले नेता सोशल डिस्टेंसिंग को धता बताकर भीड़ के आयोजन के लिए जिम्मेदार पार्टियों से आम जनता की तर्ज पर भारी जुर्माना वसूला जाए तो देश की अर्थव्यवस्था वी शेप के रूट से जल्द उबर जाएगी।रोड शो का बढ़ता चलन चुनावी नियमों के विरुद्ध होने के साथ गैरकानूनी भी है। कोरोना काल में हुए रैलियों और रोड शो में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का...
मीडिया में विवाद बढ़ने के बाद करीब ढ़ाई हजार सपा नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है। पार्टी के नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269, 270 और 341 के तहत महामारी रोग अधिनियम की संबंधित धाराओं के साथ प्राथमिकी दर्ज की गई है। लेकिन सवाल यही है कि अगर ब्रिटेन में प्रधानमंत्री को इस्तीफा देने के लिए विवश किया जा रहा है तो फिर भारत में नेता जवाबदेह क्यों नहीं है? पालन भी करना पड़ेगा। कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार को कर्नाटक के...
चाहे शुक्रवार को लखनऊ कार्यालय में जुटी भीड़ को देख लें या इससे पहले कोरोनाकाल में हुए अन्य चुनावों को, हमने सभी पार्टियों की रैलियों और रोड शो में स्टार प्रचारकों, प्रत्याशियों और समर्थकों की भीड़ के जरिए डंके की चोट पर कानून को धता बताते हुए देखा। चुनावी रैली और रोड शो में भाग लेने वाले नेता पूरे देश में कोरोना के सबसे बड़े वाहक बन गए थे। चुनावी रैलियों में नेताओं की गुनहगारी साबित करने के लिए लाइव टीवी के फुटेज का भंडार होने के बावजूद, उनका कोई बाल भी बांका नहीं...
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