नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह को मौजूदा राजनीति का चाणक्य और चुनाव जिताऊ राजनेता कहा जाता है. इसके पीछे उनका चुनावी रणकौशल, आंकड़ों की बाजीगरी, माइक्रो लेवल पर प्लानिंग, नए टैलेंट को अपने साथ करने की शक्ति, धुर राजनीतिक विरोधियों को भी तोड़कर आत्मसात कर लेने की कला और हर हाल में पार्टी के विस्तार की अद्भुत क्षमता है.
हालांकि, 1995 में बनी बीजेपी की सरकार 1997 में गिर गई लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश जाग चुका था. इस दौरान अमित शाह ने गुजरात प्रदेश वित्त निगम के अध्यक्ष के तौर पर दूसरा बड़ा करिश्मा कर डाला था. उन्होंने निगम को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड करवा डाला. इसके बाद उन्होंने गुजरात में सहकारी आंदोलन पर कांग्रेस की पकड़ कुंद कर डाली और आंकड़ों की कलाबाजी से सहकारी बैंकों, डेयरियों और कृषि मंडियों तक पैठ बना वहां के चुनाव जीतने शुरू कर दिए.
अपने ड्राइंग रूम में चाणक्य और सावरकर की तस्वीर लगाने वाले अमित शाह विशुद्ध शाकाहारी हैं. उन्होंने पहला चुनाव 1997 में लड़ा. उन्होंने सरखेज विधान सभी सीट पर हुए उपचुनाव में 25,000 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. इसके अगले ही साल यानी 1998 के चुनावों में उन्होंने इसी सीट से 1.30 लाख वोटों को अंतर से बड़ी जीत दर्ज की थी. इसके बाद उन्होंने इसी सीट से 2002 और 2007 का भी चुनाव जीता.साल 2012 में उन्होंने नरनपुरा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.साल 2013 में उन्होंने केंद्रीय राजनीति में कदम रखा.
Amit ShahBJP Leader Amit ShahHome Minister Amit ShahAmit Shah birthdayBJPGujaratटिप्पणियां पढ़ें देश-विदेश की ख़बरें अब हिन्दी में | कोरोनावायरस के लाइव अपडेट के लिए हमें फॉलो करें |
चाणक्य की एक भी नीति को अगर ऐसे लोग अपने जीवन में अपनाने लगे ना तो ये धर्म के मुद्दो को भूल कर इंसानियत की राह पर चल पड़ेंगे श्री राम जी की तस्वीर लगाने से कोई राम नहीं बन जाता है उस के लिए उनके गुणों को अपनाना पड़ता है हाथी के दांत है ये खाने के अलग दिखाने के अलग है
NDTV भी लग रहा भजन भाव की लाइन में लग गया है । सही है जब सब लगे हैं तो तुम भी कर लो
चाणक्य के साथ कायर सावरकर का भी तस्वीर है
ArmyExamMeraHaq
अन्धभगत कहते होंगे, आँखों वाले तो कह नहीं सकते इनको चाणक्य🤦
सरकार किसानों की समस्याओं पर बात नहीं कर रही। जब किसान चुनावी वायदा याद दिलाता है तो मुख्यमंत्री, र्मंत्री व कार्यकर्ता किसानों को षडयंत्रकारी तरह से अनेक धमकियां दे रहे हैं। किसान मर रहे हैं सर व शरीर तोड़े जा रहा हैं। सरकार को संवेदनशील हो समस्या का हल निकालना चाहिए। जय किसान
हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को सादर प्रणाम आपसे सविनय निवेदन है कि 108,102 से निकाले 8000 कर्मचारियों की बहाली जल्द से जल्द करवा दें उनके साथ में बहोत अन्याय हो रहा है 10 साल की सेवा करने के बाद हम लोगो को बिना गलती निकाल दिया गया ! रहम कीजिये हम लोग भी आपके बच्चे
माफीवीर की
इसको चाणक्य नीति नहीं बल्कि गुंडई कहते हैं !!
चाणक्य के झड़े हुये बाल बराबर भी नहीं हैं ये
एक देशद्रोही का फोटो लगा है पीछे । और ये भी उन में से ही है ।
🤣🤣🤣🤣🤣🤣😂😂😂😂😂👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻
Ye mc bhosadiwala hai
झूट फ़रेब दंगा दूसरों को मार के चुनाव जीताने वाले को तड़ीपार कहा जाता है
हर गंजा चाणक्य नही होता ये चाणक्य बंगाल क्यों नही जितवा पाया
Isko tadipar gunda kaha jata h
DivideAndRule HinduMuslim single policy
चारसौबीसी है ये चाणक्य नीति नही
Ndtv की तो सबसे ज्यादा जलती है शाह जी से 😊
CAA पर सो गए
Perfect democracy delivered by popular BJP in Madhya Pradesh, Manipur, Goa, Arunachal Pradesh and Karnataka after they purchased more than 120 CONGRESS, MLAs. MONEY MAKES MARE GO DEMOCRACY DEMEANED
Y-Axis yaxis a fraud company looting money form overseas carrier aspirants by fake profile evaluations, Cheating and manipulating. Y-Axis operations is a big scam yaxis xavieraugustin
यदि वास्तविक रूप से आम जनता के मन में फिर से वापसी करनी हैं INCIndia को, तो सिर्फ़ महंगाई और रोज़गार को मुद्दा बनाएँ रोज़। इसी पर RahulGandhi सड़क पर आंदोलन करें, पूरे देश में।बाक़ी कोई भी मुद्दा आम जनता का नहीं है। इन दोनों मुद्दों पर आम जनता बेहद परेशान है, और मोदी फेल।
Jhoot.... Bangal bhool gai?
Chanakya is in my bookshelf 📚
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »