युधिष्ठिर ने जब भगवान श्रीकृष्ण से अक्षय तृतीया का महात्मय पूछा, तो उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया की पावन तिथि में जो पुण्य कर्म किए जाते हैं, उनका फल अक्षय होता है। अक्षय तृतीया की कथा का सार इसके महत्व को बताती है, पूर्वकाल में एक निर्धन परन्तु सत्यवादी और श्रद्धालु व्यक्ति था, उसने अक्षय तृतीया के महात्म्य के बारे में सुना था, कि इस तिथि को दान-पुण्य करने का विशेष फल मिलता है, अतः अक्षय तृतीया के दिन उसने दान करने का विचार किया।दान हेतु सोना, चांदी, वस्त्र, घड़ा, पंखा, जौ, सत्तू, चावल, नामक,...
व्यक्ति जरा-भी विचलित नहीं हुआ और अक्षय तृतीया आने पर अपना संकल्प पूर्ण करने के लिए उसने बताई गई रीति-रिवाजों के साथ विधिवत दान-पुण्य कर्म सम्पन्न किया। अक्षय तृतीया के मुहूर्त में दान-पुण्य कर्म की वजह से अगले जन्म में वह व्यक्ति एक नगर का राजा बना और पूर्व के जन्म में अक्षय तृतीया पर दान की हुई सम्पति उसे ब्याज समेत अगले जन्म में सुख- सुविधा, ऐश्वर्य के रूप में प्राप्त हुई।अक्षय तृतीया पर मांगें अक्षय वरदान - अक्षय तृतीया भगवान परशुराम के जयंती का दिवस भी है। इसको युगादि तिथि भी कहते हैं...
अक्षय तृतीया व्रत कथा Akshaya Tritiya 2024 Akshaya Tritiya 2024 Mythological Story Akshaya Tritiya Importance Akshaya Tritiya Ka Mahatva Why Akshaya Tritiya Is Auspicious Akshaya Tritiya
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »