2015 में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण की समीक्षा की बात कही थी। इस साल अप्रैल में उन्होंने कहा कि संघ शुरुआत से आरक्षण का समर्थक रहा है।
पटेल ने लिखा- ‘गांधी जी की हत्या का केस अभी कोर्ट में है। इसीलिए RSS और हिंदू महासभा, इन दोनों संगठनों के शामिल होने पर मैं कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन हमारी रिपोर्ट्स में इस बात की पुष्टि होती है कि जो हुआ, वो इन दोनों संगठनों की गतिविधियों का नतीजा है। RSS की गतिविधियों के कारण भारत सरकार और इस देश के अस्तित्व पर सीधा-सीधा खतरा पैदा हुआ।’संघ का कहना है कि नाथूराम ने RSS छोड़ने के बाद गांधी की हत्या की, लेकिन 1994 में अंग्रेजी अखबार फ्रंटलाइन को दिए इंटरव्यू में गोडसे के भाई गोपाल गोडसे ने कहा था-...
हेडगेवार इस आंदोलन में शामिल हुए और 9 महीने जेल में भी रहे। आंदोलन में शामिल होने से पहले उन्होंने एलवी परांजपे को अस्थाई सरसंघचालक बनाया था।भारत छोड़ो आंदोलन से भी बतौर संगठन RSS ने बनाई दूरी विजय त्रिवेदी अपनी किताब में आगे लिखते हैं- ‘आजादी मिलने के फौरन बाद कुछ लोग नागपुर में उत्सव मनाना चाहते थे, लेकिन गोलवलकर ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि अंग्रेज देश छोड़ के नहीं जाने वाले।’
2002 तक संघ मुख्यालय पर तिरंगा नहीं लगाने के सवाल पर आंबेकर ने सफाई देते हुए कहा, ‘पहले निजी तौर पर तिरंगा फहराने को लेकर कई तरह की पाबंंदियां थीं। 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाई। तब से संघ कार्यालय पर राष्ट्रध्वज फहराया जा रहा है।’कंट्रोवर्सी 4 : RSS, मनुवाद और आरक्षण विवाद बढ़ा तो मौजूदा सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने तब कहा कि मनमोहन वैद्य के कहने का मतलब था कि जब तक देश में जातिगत भेदभाव है, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।अक्टूबर 2023, बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी की। कांग्रेस और विपक्षी दल केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना कराने की मांग करने लगे।28 अप्रैल 2024 को संघ प्रमुख ने कहा- ‘जब से आरक्षण आया है, तब से संविधान सम्मत सारे आरक्षण को संघ पूर्ण समर्थन देता है। संघ का मानना है कि आरक्षण जिसके लिए है, उन्हें जब तक जरूरी लगेगा या भेदभाव जब तक...
2015 में मोहन भागवत ने कहा 'मदर टेरेसा की सेवा अच्छी रही होगी, परंतु इसमें एक उद्देश्य हुआ करता था कि जिसकी सेवा की जा रही है, उसका ईसाई धर्म में धर्मांतरण किया जाए।’संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर अपनी किताब 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण' में लिखते हैं- ‘वी, ऑर अवर नेशनहुड डिफाइंड’ और 'बंच ऑफ थॉट्स' संघ का अधिकृत साहित्य नहीं है।’26 सितंबर 2023 को लखनऊ में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- ‘मुसलमान भी हमारे हैं वो हमसे अलग नहीं हैं। उनकी पूजा पद्धति बदल...
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