रिपोर्ट-निखिल स्वामी बीकानेर. राजस्थान की भीषण गर्मी और तपते रेतीले धोरों में भी क्या कश्मीर जैसे ठंडे प्रदेश में होने वाला केसर उग सकता है. अगर ठान लें तो क्या नहीं हो सकता. मरुस्थल में कश्मीर की बहार आ गयी है. ठंडे प्रदेश की फसल रेतीले प्रदेश में खिल उठी. ये कुदरत के करिश्मे के साथ युवा किसान की मेहनत का फल है. इस कीमती और नाजुक फसल का बाजार भाव सुनकर चक्कर आ जाएंगे. बाजार में इसका मौजूदा दाम 3 लाख रुपए प्रति किलो है. सुनकर कानों को एक बार यकीन नहीं होगा.
इस तकनीक पर 6 लाख रुपए खर्च हुए और 4 लाख का मुनाफा भी हो गया. अपनी सफलता से उत्साहित सुनील पर दोबारा केसर उगाने की तैयारी में हैं. जुलाई और अगस्त में केसर लगाया जाता है जो अक्टूबर-नवंबर में तैयार हो जाती है. सुनील बताते हैं-मैंने केशर की सुपीरियर क्वालिटी लगाई है. मरुस्थल में बेहद कठिन है केसर की खेती सुनील ने बताया पहली बार केसर के बीज खरीदकर लाने पड़े. अब कई गुणा बीज हर साल तैयार होते रहेंगे.
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