1999 के तूफान में 10 हजार जिंदगियां खोने वाले ओडिशा ने 20 साल में कैसे बदल दी पूरी तस्वीर?

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तूफानों से कैसे लड़ता है ओडिशा / 1999 के तूफान में 10 हजार जिंदगियां खोने वाले ओडिशा ने 20 साल में कैसे बदल दी पूरी तस्वीर? CycloneAmphan NDRFHQ Naveen_Odisha ndmaindia osdmaodisha HMOIndia AmitShah

ओडिशा में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों को ट्रेनिंग भी दी जाती है। इन्हें सेल्फ हेल्प ग्रुप कहा जाता है। ये तूफान या बाढ़ के समय फर्स्ट एड की तरह काम करते हैं। चेतावनी मिलते ही लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजने से लेकर आपदा के बाद पुनर्वास कार्यक्रम तक ये प्रशासन का हाथ बंटाते हैं।ओडिशा में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों को ट्रेनिंग भी दी जाती है। इन्हें सेल्फ हेल्प ग्रुप कहा जाता है। ये तूफान या बाढ़ के समय फर्स्ट एड की तरह काम करते हैं।...

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इन दो दशकों में ओडिशा ने 7 बड़े चक्रवाती तूफान झेले। पिछले डेढ़ साल में ही यहां छोटे-बड़े मिलाकर कुल चार तूफान आ चुके हैं। इसमें पिछले साल आया भयंकर तूफान फानी भी शामिल है। हालांकि जितनी तबाही 1999 में हुई थी, उतनी तबाही बाद के तूफानों में नहीं देखी गई। पिछले कुछ सालों से यहां बहुत ज्यादा तीव्रता वाले तूफानों के बावजूद यहां जनहानि बहुत ही कम हुई है। हाल ही में आया च्रकावाती तूफान अम्फान और उससे पहले आए 'बुलबुल' तूफान से राज्य में किसी व्यक्ति की मौत नहीं...

तो आखिर ओडिशा ने ऐसा क्या किया जिसके चलते पिछले कुछ सालों में आए इतने बड़े तूफानों में भी वह लोगों को सुरक्षित रख पाने में कामयाब रहा? तो इसका जवाब कुछ ऐसा है....

जैना जो कि ओडिशा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मैनेजिंग डायरेक्टर भी है, वह कहते हैं, "राज्य का पंचायती राज विभाग गांवों के सरपंचों को ट्रेनिंग देता है। इसमें आपदा प्रबंधन की एक अनिवार्य ट्रेनिंग भी दी जाती है। वे तूफान आने के पहले के वार्निंग सिस्टम से लेकर लोगों की सुरक्षित निकासी, बचाव कार्य और चक्रवाती तूफानों के लिए बनाए गए शेल्टर होम के प्रबंधन और बाकी जरूरी चीजों के लिए पूरी तरह ट्रेन्ड होते हैं। राज्य का आपदा विभाग हर साल इनकी ऐसी ट्रेनिंग कराता...

ओडिशा के 12 तटीय जिलों में ऐसे करीब 809 शेल्टर हैं। ये शेल्टर 2 तरह के हैं। एक वे हैं जिनकी क्षमता 2000 लोगों को रखने की है, दूसरे वे जहां 3000 तक लोग आ सकते हैं। इनमें से कई शेल्टर होम वर्तमान में कोरोनावायरस से बचाव के लिए क्वारैंटाइन सेंटर में तब्दील कर दिए गए हैं। राज्य सरकार यह भी दावा करती है कि वह आपदा प्रबंधन की दिशा में और ज्यादा बेहतर तैयारी की ओर बढ़ रही है।

 

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