नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ों में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल पर्चियों के क्रॉस-वेरिफिकेशन की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि ईवीएम पर संदेह जताते हुए याचिकाएं पहले भी SC में दायर होती रही है. अब इस मुद्दे पर हमेशा के लिए विराम लग जाना चाहिए. आगे चलकर, जब तक EVM के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत न हो, मौजूदा व्यवस्था निरंतर सुधार के साथ लागू रहनी चाहिए.
शीर्ष अदालत ने कहा, ''चुनाव चिन्ह लोडिंग यूनिट ले जाने वाले कंटेनरों को पोलिंग एजेंटों और उम्मीदवारों की उपस्थिति में सील किया जाना चाहिए, और उन्हें कम से कम 45 दिनों के लिए स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाएगा. कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपैट को मतगणना के परिणाम के बाद मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के इंजीनियर सत्यापित करेंगे.''
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नतीजों के बाद 45 दिनों तक सेफ रहेंगी EVM, माइक्रो कंट्रोलर की भी हो सकेंगी जांच, जानें VVPAT विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसलासुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर की वापसी वाली मांग ठुकरा दी है, साथ ही शत-प्रतिशत EVV-VVPAT के मिलान की अर्जी भी खारिज कर दी है।
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