नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया की एक स्टडी में सामने आया है कि 'कोल ट्रांजीशन यानी कोयले का इस्तेमाल खत्म करना ' हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए गंभीर चुनौती पेश करता है. बुधवार, 26 जून को NFI ने “एट द क्रॉसरोड्स: मार्जिनलाइज्ड कम्युनिटीज एंड द जस्ट ट्रांजिशन डिलेमा ” नाम से एक रिपोर्ट जारी की है. NFI ने इस स्टडी में तीन भारतीय राज्यों- छत्तीसगढ़ , झारखंड और ओडिशा के दो-दो जिलों को शामिल किया. इनमें छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और कोरिया, झारखंड के रामगढ़ और धनबाद, ओडिशा के जाजपुर और अंगुल जिले शामिल हैं.
उदाहरण के लिए, धनबाद में तीस दिनों के काम के लिए औसत मासिक आय लगभग 7,530 रुपये है. इसके विपरीत, अंगुल में, जहां कोयला खनन के साथ-साथ अन्य खनन उद्योग भी हैं, औसत मासिक आय 28,670 रुपये है. स्टडी में यह भी सामने आया है कि लोगों को समय से सैलरी मिलने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. रायगढ़ में केवल 21% ने नियमित रूप से वेतन मिलने की बात कही. जबकि कोरिया में किसी ने भी नियमित वेतन मिलने की बात नहीं कही. इसके विपरीत, अंगुल में औसतन 59% उत्तरदाताओं ने नियमित वेतन की बात कही है.
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