Seetu Tiwari /BBC25 साल की रूबी कुमारी के इस सवाल का जवाब दुनिया में शायद ही किसी के पास हो. वो रोती जा रही थीं और अपनी अंतहीन पीड़ा को शब्दों के सहारे ज़ाहिर भी कर रही थीं.
रूबी के पिता हवलदार संजय कुमार सिन्हा बीते साल 14 फ़रवरी को पुलवामा हमले में मारे गए थे. बिहार की राजधानी पटना से तक़रीबन 30 किलोमीटर दूर तारेगना स्टेशन के पास तारेगना मठ है. इसी मठ में संजय कुमार सिन्हा का परिवार रहता है.संजय सिन्हा के घर के बाहर सड़क बनाने के लिए खुदाई का काम चल रहा है. परिवार वाले बताते हैं कि उनकी मौत के एक माह के भीतर ही सड़क निर्माण के शिलान्यास का पत्थर लग गया था लेकिन काम अब जाकर शुरू हुआ है. संजय के पिता महेन्द्र सिंह ख़ुद इस सड़क निर्माण की देख रेख कर रहे है.
वो कहती हैं,"सरकार से जितना पैसा मिलना था, मिल गया. नौकरी मिल गयी. घर के बाहर सरकार सड़क बनवा रही है. ये सब से क्या होगा? पैसा तो आता-जाता रहता है लेकिन मेरा परिवार वापस थोड़े ना आएगा. ये पैसा-कौड़ी सब बेकार है."साल 2019 में संजय सिन्हा अपनी सास के श्राद्ध में शामिल होने के लिए कुछ दिनों के लिए लौटे थे. 7 फ़रवरी 2019 को उनको जम्मू वापस जाना था लेकिन वो 8 फ़रवरी की सुबह अपनी बड़ी बेटी रूबी कुमारी का रिश्ता देखने पटना शहर आए थे.
इस इलाक़े के बहुत सारे जवान फ़ौज या अर्धसैनिक बलों में भर्ती थे. युवा संजय को इन जवानों से प्रेरणा मिली और अगस्त 1993 में वो सीआरपीएफ़ में भर्ती हुए.
The mysterious pulwama attack is still a mystery. It should be investigated by an independent agency.
Modi still haven't taken responsibility of that fault in security.
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