'देशी' गाय को आखिर क्यों प्रमोट कर रहे हैं CM योगी आदित्यनाथ

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'देशी गाय' को प्रमोट कर रही योगी सरकार (abhishek6164)

विदेशी नस्ल की गायों का दूध A-1, नुकसानदेहउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'देशी' गायों के प्रति रुचि और उनके संरक्षण तथा संवर्धन के लिए पहल के पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं. यदि किसी परिवार में 'देशी' गाय है, तो सदस्य स्वस्थ होते हैं क्योंकि विदेशी नस्ल की गाय के दूध की तुलना में इसका दूध अधिक पौष्टिक होता है. दूसरा, जैविक खेती के लिए जरूरी कम्पोस्ट और वर्मीकम्पोस्ट सिर्फ 'देशी' गाय के गोबर और गोमूत्र से ही मिलता है.

यहां यह भी उल्लेख किया जाना है कि पहली बार, एक मुख्यमंत्री ने 'देशी' गायों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और 22 नवंबर को गोपाष्टमी का त्योहार राज्यव्यापी उत्सव के रूप में मनाया गया.विदेशी नस्ल की गायों का दूध, जिसे हम आमतौर पर अपने दैनिक आहार के रूप में इस्तेमाल करते हैं लेकिन यह लाभकारी होने के बजाए हानिकारक अधिक है. इन गायों का दूध A-1 प्रकार का होता है जिसमें बीटा-कैसोमोर्फिन होता है और एक लीटर दूध में 24-32 ग्राम कैसिइन होता है.

जबकि अन्य प्रजातियों में, यह मात्रा 94 प्रतिशत तक है, लेकिन जर्सी और विदेशी नस्लों की फ्राइजियन प्रजातियों में यह महज 60 प्रतिशत तक है.गाय का उद्गम मध्य पूर्व एशिया माना जाता है. जब गाय यूरोप पहुंचीं, और यह जगह अपेक्षाकृत ठंडी थी, लगभग 8 से 10,000 साल पहले, उनके डीएनए में क्रमिक परिवर्तनों के कारण, उनका दूध भी ए- 2 से ए -1 में बदल गया.

 

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