बिहार के नियोजित शिक्षकों के मुकदमे की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की. जस्टिस बी वी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि देश की शिक्षा का क्या यही स्तर है? कोर्ट ने कहा कि एक पोस्ट ग्रेजुएट जिसे नौकरी मिल जाती है और वह छुट्टी के लिए एप्लिकेशन तक नहीं लिख पाता. उन्होंने कहा कि बिहार जैसा राज्य जब इस व्यवस्था को सुधारने का प्रयास करते हुए इसके लिए कोई योग्यता परीक्षा आयोजित करता है तो उसका विरोध किया जाता है.
Advertisementयह भी पढ़ें: बिहार: 10 दिन के अंदर गिरा चौथा पुल, किशनगंज में 70 मीटर लंबे ब्रिज का पिलर ढहाजस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण में सहायक होते हैं. उन्हें अपने कौशल को बेहतर बनाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. अगर सरकार शिक्षकों और शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए समुचित कदम उठा रही है तो शिक्षकों को उसका पूरा समर्थन करना चाहिए. कोर्ट ने कहा, 'क्योंकि शिक्षण एक महान पेशा है.
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