इधर पार्टी की नेता आतिशा मार्लेना ने सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों से मुलाक़ात की और कहा कि,"किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी को क़ानून के दायरे में लाया जाना चाहिए. सरकार ने वादा किया था कि वो स्वामिनाथन कमिटी रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करेगी और एमएसपी में देढ़ गुना का इज़ाफा करेगी, लेकिन अब इसे क़ानूनन हटा दिया गया है."
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने आरोप लगाया कि इस आंदोलन के पीछे विपक्ष और कमीशन लेने वालों का हाथ है. उन्होंने कहा,"स्वामिनाथन कमिटी की रिपोर्ट के अनुसार किसानों को अपनी फसल जिसे चाहे उसे बेचनी की आज़ादी होनी चाहिए. सरकार ने यही किया है. इससे किसानों को नहीं बल्कि दूसरों को परेशानी है."किसान आंदोलन के चलते कई ट्रेनें हुई कैंसिल
Kya baat hai Salute to farmers and to them who are supporting kisanektazindabaad Istandwithfarmars
सरकार किसानों के लिए कई सालों की मांगों को पूरा करते हुए काम कर रही है। सरकार किसानों की फसल उनके दरवाजे पर बिक्री, गुणवत्ता पूर्ण फसलों का उत्पादन, मनचाही दाम निर्धारण,किसानी हेतु ॠण के बदले अग्रिम पेमेंट, आधुनिक खेती को बढ़ावा। फिर भी नही समझे?
ऐ मोदी किसानो को मुसलमान समझ रहा है।
ModiAgainstFarmers istandwithfarmerschallenge
किसानो नही गद्दारों के साथ
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