हॉन्ग कॉन्ग पर चीन की वादाख़िलाफ़ी पर राष्ट्रपति ट्रंप का एलान

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हॉन्ग कॉन्ग का विशेष दर्जा ख़त्म करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फ़ैसले पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ हॉन्ग कॉन्ग के सुरक्षा मंत्री जॉन ली ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी सरकार को डराया नहीं जा सकता है और वे नए क़ानून को लेकर आगे बढ़ते रहेंगे.

हॉन्ग कॉन्ग के न्यायमंत्री टेरीज़ा चेंग का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने जिस आधार पर ये फ़ैसला लिया है, वो पूरी तरह से ग़लत है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून की ज़रूरत क़ानूनी थी और ऐसा करना ज़रूरी था. शुक्रवार को चीनी छात्रों के अमरीका आने पर लगाई गई रोक की घोषणा करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा,"संवेदनशील अमरीकी तकनीक और बौद्धिक संपदा हासिल करने के लिए सुनियोजित तरीके से बड़े पैमाने पर चलाई जा रही गतिविधियों में चीन शामिल है. वो इसके जरिए अपनी सेना का आधुनिकीकरण करना चाहता है."प्लेबैक आपके उपकरण पर नहीं हो पा रहाक्रिस पैटन का बयान

हालांकि अभी तक इस प्रस्तावित क़ानून के बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आई है पर लोगों की कई चिंताएं हैं. जो बातें अभी तक हमें मालूम हैं, उसके अनुसार... इसके साथ ही चीन में 'एक देश, दो सिस्टम' की कथित अवधारणा का जन्म हुआ. माना गया कि इस बुनियादी क़ानून की वजह से हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को कुछ ख़ास मुद्दों पर आज़ादी हासिल रहेगी. वे जनसभा कर सकेंगे, उन्हें अपनी बात कहने और रखने का हक़ होगा और वहां एक स्वतंत्र न्यायपालिका होगी.

चीन मामलों के जानकार विली लैम चिंता जताते हैं कि इस क़ानून के तहत लोगों को चीन की आलोचना के अपराध में सज़ा दी जा सकती है. चीन के मुख्य भूभाग में ऐसा होता है. पर्यवेक्षकों का कहना है कि हॉन्ग कॉन्ग में न केवल राजनीतिक भविष्य बल्कि आर्थिक भविष्य भी दांव पर लगा हुआ है.'बेसिक लॉ' के अनुसार चीन में लागू क़ानून जब तक कि तीसरी अनुसूची में दर्ज न हो जाएं, हॉन्ग क़ान्ग में नहीं लागू हो सकते हैं. वहां पहले से कुछ क़ानून दर्ज हैं लेकिन उनमें ज़्यादातर प्रावधान ग़ैर-विवादास्पद थे और विदेशी नीति के विषयों से जुड़े हुए हैं.

 

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HARDIKPATEL_4 Isko bol pehle qpne mulk k halat sudhar

बेगानी शादी में टरमपवा दिवाना। 😅

ट्रम्प के भी तोते उड़ने वाले हैं अमरीकी इसे अब और नही झेल सकते

पगला गया है बुड़बक सत्ता जाती दिख रही है जो ।

Bas le lo China ki class 💪

रेंड कॉर्पोरेशन रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक सम्पन्न राष्ट्रीय तीन थीं, रूस, चीन और भारत। इन जंगो मे बड़े पैमाने पर हथियार के लिए एक बाजार तैयार करना मकसद था । 9 वर्षों से रुस शाम के साथ जंग में उलझा हुआ है, और इधर भारत को चीन के साथ उलझाने की तैयारी है।

चीन का पीठ थपथपाने वाला तूने ही तो वर्षों से वुहान लेब का पोषण किया ।

हङ्गकाङ हो

Good

Banda China ko ragadega to jarur

Haaa

Hhh

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