नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने रविवार को कहा कि हिरासत में यातना और अन्य पुलिसिया अत्याचार देश में अब भी जारी हैं और यहां तक कि ‘‘विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को भी ‘थर्ड डिग्री' की प्रताड़ना से नहीं बख्शा जाता है.'' उन्होंने राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण से देश में पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील बनाने को कहा.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मानवाधिकारों और शारीरिक चोट, नुकसान का खतरा पुलिस थानों में सबसे ज्यादा है. हिरासत में यातना और अन्य पुलिस अत्याचार ऐसी समस्याएं हैं जो हमारे समाज में अब भी विद्यमान हैं. संवैधानिक घोषणाओं और गारंटियों के बावजूद, पुलिस थानों में प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व का अभाव गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के लिए एक बड़ा नुकसान है.''उन्होंने कहा, ‘‘इन शुरुआती घंटों में लिए गए फैसले बाद में आरोपी का खुद का बचाव करने की क्षमता को निर्धारित करेंगे.
ताकत आदमी को निरंकुश बना ही देती है, और यह निरंकुशता केवल कमजोर को ही सताती है। केवल कुछ अपवाद है।
Well said
वो दिन कब आएगा जब पुलिस वाला कहने से दस बार सोचेगा 'ऐसी धाराए लगाऊंगा कि अपने आप को निर्दोष साबित करते करते चार पांच साल तो ऐसे ही निकल जाएंगे'
जज साहब फोकी शान में से निकल कर कुछ जमीनी स्तर पर कुछ कीजिये. देश में पुलिस का बर्बरता से शरीफ आदमी को यातनाएं दी जाती हैं. कदम कदम पर पैसा ही खाया जाता है. आम आदमी भटकता रहता है रिपोर्ट भी दर्ज नही करते पोलिस वाले.
This is the most important issue....
Thank u sir, logon ka dukh-dard samajhne & police ke khilaf bolne ke liye!
Ab koi apna fsa hai kya inka? Torture ka mza dusron ki khaal utarne mein hi ata hai. Devil's nation!
इनकी बाते सुनके लगता है की ये पड़े लिखे है भी या नहीं आज क्राइम ज्यादा होने का कारण यही है की लोगो को न पुलिस का डर है और न ही कानून से जब क्रिमिनल मानवीय व्यवहार नही करते है तो उनके साथ मानवीय व्यवहार करने की क्या जरूरत है 😡😡😡😡
Right
Voicing concern is good but it must be govt prerogative. NALSA cant set up a permanent desk in every thana and 3 lawyers 3 interns can be deputed there with 8 hours of work each. Time to bell the cat.
हां यह सही है
सीजेआई साहब अपराधियों के साथ अपराधी की तरह ही व्यवहार करना पड़ेगा यदि अपराध के साथ माननीय से व्यवहार करोगे तो समाज में अपराधी पैदा होंगे
Neeraj Chopra के Gold लाने पर उसके परिवार में जशन मना लेकिन महिला Hockey Team के हारने पर Uttrakhand की Vandana Katariya के पड़ोसियों ने पटाखे जला कर, मिठाई बाँट कर जशन मनाया क्योंकि Vandana छोटी जाति से है। भारत का PM भी पिछड़ी जाति से है फिर भी पिछड़ों को ज़लील होना पड़ रहा है।
ऐसे भाषणों से पुलिस सुधर जाएगी ये आपकी गलतफहमी है कुछ नही होगा कुछ नही बदलने वाला इस देश मे।
क्या ये सुधार साध्वी प्रज्ञा के लिए भी है या केवल वामपंथी जानवरों के लिए ही है ? 🙂
first why and after what kind of work people's are coming in jail you have to evaluate that and if they are coming by social work jail have to provide them like five star hotel services either it was ok
Any affirmative action taken by Honourable Supreme Court of India on this ?
पुलिस सुधार के लिए कानून बनना चाहिए। पुलिस वाले खुद ही अपराधी होते हैं।
कैसे?
प्रेमी के साथ मिलकर पूरे परिवार को मौत की नींद सुलाने वाली,उत्तर प्रदेश की, शबनम_को_फांसी_दो
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