इंटरनेशनल अथॉरिटी ने भारत की याचिका खारिज की; श्रीलंका को मिला तो चीन कर सकता है कब्जाभारत के सबसे दक्षिणी छोर से 1,350 किलोमीटर दूर हिंद महासागर के बीच में मिले कोबाल्ट के पहाड़ पर कई देशों ने दावा किया है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पहाड़ का नाम अफानासी निकितिन सीमाउंट है। ये भारत की तुलना में श्रीलंका के ज्यादा करीब है। भारत और श्रीलंका दोनों इसका खनन करना चाहते हैं।
हिंद महासागर के बीच में कोबाल्ट के पहाड़ पर कब्जे को लेकर भारत और श्रीलंका दोनों ही प्रयास कर रहे है। नियमों के मुताबिक अगर किसी देश को समुद्र में कुछ रिसर्च करना होता है तो इसके लिए ISA से मंजूरी लेनी होती है खासकर तब जब वो इलाका किसी भी देश के अधीन न आता हो। ISA ने अगर भारत को खनन से जुड़ी मंजूरी दी होती तो भारत कोबाल्ट के पहाड़ पर 15 सालों तक रिसर्च कर पाता।
श्रीलंका ने 2009 में भी ऐसा किया था। इसके लिए उसने संयुक्त राष्ट्र के महाद्वीपीय शेल्फ सीमा पर आयोग से अपनी समुद्री सीमा 370 किलोमीटर तक फैलाने के लिए आवेदन किया था। हालांकि अब तक CLCS ने श्रीलंका की मांग को स्वीकार नहीं किया है। अगर CLCS इसे मान्यता दे देता है तो कोबाल्ट का पहाड़ पर श्रीलंका का अधिकार हो जाएगा। इससे पहले CLCS पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और नॉर्वे की सीमा बढ़ाने की मांग मंजूर कर चुका है।भारत ने 2010 में सीमा बढ़ाने को लेकर श्रीलंका का समर्थन किया था पर 2022 में भारत इससे पलट गया।...
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