, मुस्लिम होने की वजह से नहीं मिल रहा काम ZEESHAN SHAIKH नासिक | Updated: September 11, 2019 12:25 PM हिंदू त्योहारों में ढोल बजाता रहा है परिवार। फोटो: इंडियन एक्सप्रेस महाराष्ट्र के नासिक में एक मुस्लिम परिवार दशकों से हिंदू त्योहारों में ढ़ोल बजा रहा है। चाहे वह गणपति विसर्जन हो या फिर चुनावी रैली। ऐसी बीते पांच दशकों से चला आ रहा है। ‘द नासिक’ ढोल के नाम से मशहूर यह परिवार फिलहाल पहले की तरह महसूस नहीं करता। वजह है बदले हुए हालात। परिवार के सदस्य खलील अंसारी के मुताबिक बीते पांच साल में...
बता दें कि इस ग्रुप के लोग रॉकस्टार की तरह हेयर स्टाइल रखते हैं। ग्रुप की मांग महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि गुजरात और राजस्थान में भी है। खलील बताते हैं ‘हम मुंबई के हर बड़े गणपति पंडाल में अपनी सेवाएं देते हैं। यही नहीं राजस्थान में भी हमारी काफी मांग है। मांग इतनी ज्यादा रहती है कि हमें राजस्थान में ऑफिस खोलना पड़ा और वहां पर एक शख्स को कॉर्डिनेशन के लिए बैठाना पड़ा। हम मंदिरों, हिंदू शादियों और शिव सेना की रैलियों में ढोल बजाते...
वह आगे कहते है ‘मुझे कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ जैसा अब होता है। बीते कुछ समय में मुस्लिम होने की वजह काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हाल ही में हम एक कार्यक्रम में ढोल बजा रहे थे। इस दौरान जैसे ही वहां मौजूदा युवकों को इसकी भनक लगी उन्होंने हमें वहां से भेज दिया। उन्होंने हमसे कहा था कि अगर हम नहीं गए तो पैर तोड़ दिए जाएंगे।’
वहीं ग्रुप में शामिल सलीम अंसारी कहते हैं ‘मुस्लिम होने की वजह से मुझे कभी इस तरह से टारगेट नहीं किया गया लेकिन हां कई ऐसे मौके जरूर आए जब मुझे अजीब महसूस हुआ। कार्यक्रम के दौरान जब हम किसी मस्जिद के पास पहुंच जाते हैं तो लोग हमसे बहुत तेज ढोल पीटने को कहते हैं। मैं उस वक्त सोचता हूं कि वह ऐसा मुस्लिम लोगों को उकसाने के लिए कर रहे हैं। मैं पैसे कमाने के लिए ड्रम बजाता हूं, लेकिन दिन के अंत में अगर आपकी कला का इस्तेमाल आपको परेशान करने के लिए किया जा रहा है, तो आप इसके बारे में बुरा महसूस करते...
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अब डीजे का जमाना है , इसलिए ये हालात है ।
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