Hthras Case: हाथरस केस में पुलिस वाले रेप की धारा जोड़ना ही नहीं चाहते थे। इतना ही नहीं, तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश वर्मा तो उल्टे आरोपियों की मदद के लिए तैयार थे। एक न्यूज रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर आरोपियों के परिवार से किसी ने भी यह शिकायत की होती कि लड़की को उसके ही परिजनों ने मारा है तो वर्मा पीड़ित परिवार के खिलाफ तुरंत केस करने के लिए तैयार थे।हाथरस कांड में शुरू-शुरू में पुलिस की कार्यप्रणाली कैसी रही, इसकी पोल खुद चंदपा थाने के तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा...
वर्मा ने सबसे सनसनीखेज खुलासा तो आरोपियों की मदद करने की अपनी चाहत के तौर पर किया है। उन्होंने कहा कि वह आरोपियों की मदद के लिए तैयार थे। अगर आरोपी पक्ष से कोई एक भी शख्स आगे आकर कहा होता कि पीड़िता की पिटाई तो उसके परिवार वालों ने की थी तो वह पीड़िता के परिवार के खिलाफ केस दर्ज कर दिए होते।'शव सड़क पर रखकर राजनीति की जाती, इसलिए रातों-रात दाह संस्कार'
पीड़िता का रातों-रात अंतिम संस्कार किए जाने पर वर्मा ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो शव को सड़क पर रखकर राजनीति होती। बवाल काटा जाता। इसी वजह से जिला प्रशासन ने रातों-रात अंतिम संस्कार कराने का फैसला किया। निलंबित इंस्पेक्टर ने कहा कि रात में दाह संस्कार का फैसला जिला प्रशासन स्तर पर ही हुआ होगा क्योंकि मुख्यमंत्री स्तर पर फैसला रात में ही नहीं आता।29 सितंबर को पीड़िता ने दिल्ली में तोड़ा दम
19 साल की दलित नाबालिग लड़की के साथ 14 सितंबर को कथित तौर पर गैंगरेप और मारपीट हुई थी। हालांकि, यूपी पुलिस का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। शुरू में पीड़िता का अलीगढ़ में इलाज हुआ लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट किया गया। वहां इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता ने दम तोड़ दिया। योगी सरकार ने इस कांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। इसके अलावा सीबीआई जांच की भी सिफारिश की है। अब आरोपियों का दावा है कि लड़की को उसी के भाई...
असल में जब तक यूरोप और दूसरे विकसित देशों की भांति मुकदमा/केस दर्ज करने का अधिकार पुलिस के अतिरिक्त अन्य विभाग को नहीं दिया जाएगतान तक यही स्थिति बनी रहेगी
Inspector log hote hi aise hai.
यूपी पोलिस कुच तो शर्म करो।
PMOIndia narendramodi ABPNews UP Police prashashan ne joh raat mein ladki ka jis tarah shav jalaya hai....uske liye bhagwan kabhi shama nahi karega...kabhi manushya ka janm na mile, nark mein bhi jagah na mile inn logo ko...aur jiske kehne par kiya..
Justice for Manisha 😭😭
पुलिस तो हमेशा पुलिस चौकियों, थानों में दलितों के केश को दबाने का कार्य करती हैं। इसलिए शव को रात में जला दिया गया जिससे झूठ बोलने में और आसानी हो जाय।
Sb sarkaar ki chaal h.. Jnta ko gumraah kre bs.. Education or berozgaari pr dhyan na de.. Stta bchaye apni.... 🙏🙏👍👍👍👍👍👍
कुछ साबित हो या ना हो, हाथरस मामले में मीडिया मीडिया बिक चुकी है ये साबित हो चुका है......
आज तक ये भी कबुल किया है की 6तारीख की FIRमे इंडिया टूडे का 6बार नाम है तो उसकी जांच कब हुई और उसमे कौन सरीक हुआ और उसमे क्या पाया गया और परमवीर ने FIRमे इंडिया टूडे का नाम क्यो नही लिया और Rभारत नाम क्यो लिया कुछ दाल मे काला है सारे चैनल मौन क्यो विस्वसनियता खतरे मे शंक बना रहेगा
Bil gya ye inspector
Ye hai police ki hakikat.
😀😀😀😀😂
कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ,कुछ पता ही नहीं चल रहा है,शासन प्रशासन सही कह रहा है या आरोपी या की news चैनल या पीडित परिवार या विपक्षी पार्टियाँ किस की बात सही मानी जाए,इस मामले की तस्वीर साफ़ होने मे और सच्चाई सामने आने मे काफ़ी वक्त लगेगा लेकिन सच छिपेगा नहीं यह तो तय हैं
वाह क्या पत्रकारिता है, फर्जी चैनल ने फर्जी खबर पेल दी वो तुमने यहां ठेल दी तुम्हारे पास पत्रकार नहीं है खबरे लाने के लिए ?
आरोपियों की मदद करना चाहते थे, मामला साफ है, उन्नाव के सेंगर काण्ड मे भी पुलिस का रवैया ऐसा ही था!
उस वक़्त आरोपी की सुनता कौन
कहा से मिलेगा न्याय
Ayse tweet jo sarkaar ko or bhakto ko acche nahi lagege wo der raat hi tweet hote hai or jo unke pasand ki ho wo tweet din me..!
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