परिवार पहचान पत्र के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा की लगभग 63 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे है. भारतीय जनता पार्टी सरकार ने इस डेटा का समर्थन किया है, वहीं विशेषज्ञ फर्जी बीपीएल कार्ड धारकों पर सवाल उठा रहे हैं, जो कथित तौर पर सरकारी लाभ लेने के लिए इस सूची में शामिल हो सकते हैं.में कहा गया है कि खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के मुताबिक,2.86 करोड़ की कुल आबादी वाले हरियाणा राज्य में 44,90,017 बीपीएल कार्ड और 1,80,93,475 व्यक्ति बीपीएल की श्रेणी में हैं.
एक डिपो धारक ने ट्रिब्यून को बताया, ‘मुफ्त खाद्यान्न और सस्ते राशन जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए, वे बीपीएल कार्ड पाने में कामयाब रहे हैं.’ रिपोर्ट के अनुसार, बीपीएल परिवारों की सबसे अधिक संख्या के साथ फरीदाबाद इस सूची में सबसे ऊपर है. इसके बाद मेवात, हिसार और करनाल हैं. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है हिसार और करनाल राज्य के सबसे समृद्ध जिलों में से हैं.
उन्होंने कहा, ‘यहां तक की अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग समुदायों में इस डेटा का विभाजन भी वास्तविकता करीब नहीं है. यह संभव है कि डेटा को राजनीतिक कारणों से सत्यापित नहीं किया गया है.’आर्थिक मानदंड की सीमा
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