राष्ट्रपति गमाल अब्देल नासिर के नेतृत्व में मिस्र ने मई, 1967 से इसराइल की सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाने की शुरुआत कर दी थी. उनका कहना था कि अगर इसराइल के साथ किसी किस्म की जंग हुई तो उनका मक़सद अपने पड़ोसी देश को नेस्तनाबूद कर देने का है.
"जैसे ही हम आगे बढ़े, हमने लड़ाकू विमानों को रेगिस्तान से उड़ते देखा. मुझे अच्छी तरह से याद है. इसराइली विमान काफी नीची उड़ान भर रहे थे, वे मिस्र के सैनिक हवाई अड्डे पर बमबारी कर रहे थे और उनका निशाना अचूक था."तस्वीर के ऊपरी सिरे के आख़िरी कोने में 'एवरग्रीन' जहाज को देखा जा सकता है, इसकी वजह से ट्रैफिक रुक गया हैमलेशिया से रबर और प्लास्टिक के खिनौले ब्रिटेन ले जा रहा 'एगापेनोर' स्वेज़ नहर में फंसे उन 15 जहाजों में से एक था.
युद्ध के दूसरे दिन मिस्र ने स्वेज़ नहर के आख़िरी सिरे पर जहाज डुबो दिए. वहां विस्फोटक लगाए गए ताकि रास्ता ब्लॉक हो जाए और इसराइल आने-जाने के लिए स्वेज़ नहर का इस्तेमाल नहीं कर सके. तीनों अरब देशों की हार के साथ ये जंग दस जून को ख़त्म हो गई. लेकिन मिस्र ने स्वेज़ नहर का रास्ता बंद रखा और वहां फंसे 14 जहाज बाहर नहीं निकल सके.
'ग्रेट बिटर लेक एसोसिएशन' ने ओलंपिक की तर्ज पर एक खेल प्रतिस्पर्धा का भी आयोजन किया जिसमें डाइविंग, शूटिंग, स्प्रिंटिंग, वाटर पोलो, तीरंदाज़ी जैसे 14 खेलों में अलग-अलग देशों के बीच टूर्नामेंट आयोजित किए. यहां तक कि उन्होंने गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज़ मेडल भी बांटे.मिस्र ने स्वेज़ नहर के आखिरी छोर पर विस्फोटक लगाकर रास्ता बंद कर दिया था
उन्होंने बीबीसी मुंडो को बताया, "स्वेज़ नहर की शुरुआत 1869 में हुई थी लेकिन 1960 के दशक तक इस रास्ते से होने वाला कारोबार काफी बढ़ गया था. ये एक अहम सामुद्रिक मार्ग था क्योंकि इस रास्ते से होकर गुजरने वाले जहाजों को अफ्रीका से होकर नहीं जाना पड़ता था."लिंकन पेन बताते हैं, "इसलिए 1967 में जब ये रास्ता बंद हो गया तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ा और ये लंबे समय तक रहा.
England ODI series bhi haar gya...aaj news nhi doge kya😜
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