स्टार्टअप सीरीज: MP-राजस्‍थान समेत 17 राज्यों में किसानों को अनाज रखने का गोदाम देता है आर्या, रखे हुए अनाज पर लोन भी देता है; 40 लोगों से शुरू हुआ, अब हैं 1600 कर्मचारी

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स्टार्टअप सीरीज: MP-राजस्‍थान समेत 17 राज्यों में किसानों को अनाज रखने का गोदाम देता है आर्या, रखे हुए अनाज पर लोन भी देता है; 40 लोगों से शुरू हुआ, अब हैं 1600 कर्मचारी startup Farmers warehouse

Arya Gives Farmers Warehouse For Food Grains In 17 States Including MP Rajasthan, Arya Also Gives Loans On The Grains Kept, Started From 40 People, Now There Are 1600 EmployeesMP-राजस्‍थान समेत 17 राज्यों में किसानों को अनाज रखने का गोदाम देता है आर्या, रखे हुए अनाज पर लोन भी देता है; 40 लोगों से शुरू हुआ, अब हैं 1600 कर्मचारीमार्च 2011, ICICI बैंक के दो कर्मचारी मुंबई वाले कॉर्पोरेट ऑफिस के बाहर कैफे में बैठे चाय पी रहे थे। उन्हें बैंक ने खेती-किसानी और किसानों को लोन आदि देने की पूरी प्लानिंग...

तभी आनंद कहा कि अगर हम अपनी कोई कंपनी ले आएं और किसानों को सीधे गोदाम दें तो...

चटानाथन कहते हैं कि उन्हें नौकरी करते हुए 20 साल हो गए थे, इसके बाद भी यह फैसला चुनौतीपूर्ण था, लेकिन प्रसन्ना और आनंद को देखकर उन्हें हिम्मत मिली।मैनेजिंग डायरेक्टर डी चटानाथन कहते हैं कि हम नौकरी में यही काम कराते थे, लोगों को फंडिंग दिलाना, लेकिन 20 साल नौकरी के बाद भी जब अपने काम शुरू किया तो फंडिंग को लेकर तमाम शर्तें रखी जाने लगीं। आनंद कहते हैं कि हमने सैलरी से करीब एक करोड़ रुपए बचाए थे। उसी से काफी वक्त तक काम करते रहे। हालांकि अब LGT लाइटस्टोन एस्पाडा, ओमनीवोर और क्वोना कैपिटल की ओर...

बैंकों से बात न बनने पर आर्या धन फाइनेंशियल सॉल्यूशन के तहत कंपनी खुद किसानों को लोन देती है। इसमें वो किसानों से बैंकों से कम दरों पर ब्याज लेते हैं। साथ ही किसानों को अनाज बेचने का सही समय भी बताते हैं। इसे वो आर्या एनबीएफसी के तहत करते हैं। यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन सॉल्यूशन पर किसानों की मदद करते हैं, इसके लिए किसानों से कुछ पैसे लेते हैं।

आनंद के अनुसार उन्होंने 40 कर्मचारियों के साथ काम शुरू किया था, लेकिन जैसे-जैसे वे गांव और छोटे शहरों की ओर बढ़े, उनका काम बढ़ता गया। अब कंपनी में 1600 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।डी चटानाथन कहते हैं कि हम चाहते हैं जब कभी पोस्ट हार्वेस्ट यानी अनाज उगने के बाद का सॉल्यूशन देने वाली कंपनियों की चर्चा हो तो हमारा नाम सबसे पहले लिया जाए। यह तब तक संभव नहीं है, जब तक हम गांव-गांव में नहीं पहुंचेंगे। अभी हमारे पास 15 हजार 400 से ज्यादा अपने गोदाम हैं। इस वक्त हम करीब 3.

 

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Amitabh bachchan crying on stage for covid-19 😢

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