सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 2 जजों की नियुक्ति पर केंद्र की आपत्ति खारिज की, दो और नाम भेजे

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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 2 जजों की नियुक्ति पर केंद्र की आपत्ति खारिज की, दो और नाम भेजे SupremeCourt

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने फिर से जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना को शीर्ष अदालत का जस्टिस बनाने की सिफारिश की है. साथ ही दो और नाम केंद्र सरकार को भेजे हैं. कॉलेजियम ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत को पदोन्नत कर शीर्ष अदालत का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश केन्द्र सरकार से की है.

जस्टिस गवई फिलहाल बंबई हाईकोर्ट में न्यायाधीश हैं जबकि जस्टिस सूर्य कांत हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं. शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपडेट की गई सिफारिश के अनुसार चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने बुधवार को हुई बैठक में दो लोगों को शीर्ष अदालत भेजने की सिफारिश की. शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों के 31 पद स्वीकृत हैं. फिलहाल न्यायालय में 27 न्यायाधीश हैं.

केंद्र सरकार ने पिछले दिनों जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना के नाम की कॉलेजियम की सिफारिश लौटा दी थी. जिसके बाद एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने दोनों नाम केंद्र को भेजे हैं. कॉलेजियम ने कहा है कि उनकी कार्यक्षमता, आचरण और निष्ठा के बारे में कुछ भी प्रतिकूल नहीं मिला है. जस्टिस अनिरूद्ध बोस झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं और जस्टिस ए एस बोपन्ना गोवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं. जस्टिस बोस न्यायाधीशों की अखिल भारतीय वरिष्ठता के क्रम में 12वें नंबर पर हैं. उनका मूल हाई कोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट रहा है. जस्टिस बोपन्ना वरिष्ठता क्रम में 36वें नंबर पर हैं. पिछले साल जब न्यायमूर्ति बोस के नाम की सिफारिश दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद के लिए की गयी थी तब भी सरकार ने उनका नाम लौटा दिया था.

 

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किसी भी सभ्य समाज मे ऐसी कॉलेजियम प्रणाली स्वीकार्य नही हो सकती।

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