भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा का यूक्रेन की नादिया किचेनोक के साथ होबार्ट इंटरनेशनल महिला युगल का खिताब जीतना भारतीय खेलों और खासकर भारतीय टेनिस के लिए एक बेहद उम्दा खबर है। मां बनने के बाद टेनिस कोर्ट पर लौटने वाली सानिया के लिए ये वापसी किसी फिल्मी स्किप्ट की तरह ही है। सानिया मां बनने के बाद दो साल टेनिस से दूर थीं। पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से निकाह करने वाली सानिया ने 2018 में इजहान को जन्म दिया। उन्होंने अक्तूबर 2017 में आखिरी टूर्नामेंट खेला...
अगर सानिया को समझना हो तो उनकी आत्म-कथा 'एस अगेन्स्ट ऑड्स' को जरूर पढ़ना चाहिए। कोर्ट के भीतर और बाहर अपने संघर्षों को सानिया ने जिस बेबाकी से बयान किया है, उसकी मिसाल भारतीय खेलों में बहुत कम है। 29 साल की उम्र में छह ग्रैंडस्लैम खिताब जीत चुकीं सानिया ने 16 साल की उम्र में ही विंबलडन जूनियर युगल खिताब जीता था। इसके बाद से ही भारतीय मीडिया ने उन्हें आने वाले भविष्य के लिए टेनिस की सबसे बड़ी उम्मीद...
एक वक्त ऐसा भी रहा कि सानिया फैशन आइकॉन भी बनीं। सानिया की नथ जल्द ही भारत में काफी लोकप्रिय हुई और बाजार में सानिया नोज रिंग के नाम से बिकने लगी...
पेशवर टेनिस खिलाड़ी बनें और विंबलडन में खेलें। 90 के दशक में किसी पिता का ऐसा सोचना भी एक बड़ी बात थी, लेकिन अमेरिका से लौटकर हैदराबाद में बसने वाली सानिया की मां नसीमा ने ठाना कि अगर बेटी को टेनिस खिलाड़ी बनाना है तो वो कुछ भी करेंगी। 2007 में 20 साल की उम्र में सानिया मिर्जा पहली भारतीय महिला बनीं जो टेनिस रैंकिग के सिंगल्स में टॉप 30 में थी। पिछले 13 सालों में अब भी कोई उनके करीब नहीं पहुंचा हैं। पिछले एक दशक से भारतीय मीडिया ये सवाल ढूंढ रहा है कि सानिया के बाद कौन जिसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है। शायद, मां बनने के बाद ऑस्ट्रेलिया में जीती गई ये ट्रॉफी उन गुमनाम युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित करने के काम आए जो अगली सानिया बन...
भारत में मिल्खा सिंह, मैरी कॉम और महेंद्र सिंह धोनी समेत कई खिलाडियों के जीवन पर फिल्में बन चुकी हैं और साइना नेहवाल समेत कपिल देव और कई तमाम खिलाड़ियों के जीवन पर फिल्में बन भी रहीं हैं। लेकिन, सानिया मिर्जा के करीब डेढ़ दशक के करियर को देखें तो कोर्ट के अंदर से ज्यादा उन्होंने कोर्ट के बाहर सुर्खियां बटोरीं और उनके जीवन में कई ऐसे मोड़ आए, जिन्हें कोई भी निर्देशक रुपहले पर्दे पर बहुत पहले ही शानदार तरीके से उतार सकता...
विंबलडन में मेरी टीशर्ट पर चर्चा हुई तो अमेरिकी ओपन में नथ पर... मैं जो कुछ भी पहनती, उसे बगावत का प्रतीक मान लिया जाता...शायद विदेशी मीडिया ने एक युवा भारतीय लड़की को पहले इस मुकाम पर नहीं देखा था या मैं एक पारंपरिक भारतीय लड़की के अमेरिकियों के मानदंड पर खरी नहीं उतरती थी... पेशवर टेनिस खिलाड़ी बनें और विंबलडन में खेलें। 90 के दशक में किसी पिता का ऐसा सोचना भी एक बड़ी बात थी, लेकिन अमेरिका से लौटकर हैदराबाद में बसने वाली सानिया की मां नसीमा ने ठाना कि अगर बेटी को टेनिस खिलाड़ी बनाना है तो वो कुछ भी करेंगी।
Vimalwa MirzaSania पाकिस्तानी
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